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Chhath Puja 2022: आज से देशभर में छठ मैया की पूजा और सूर्य उपासना का महापर्व शुरू हो रहा है, यहां जानें छठ पूजा की विधि और महत्व

Chhath Puja

भारत त्यौहारों का देश है यहां पर सभी धर्मों के विभिन्न प्रकार के त्यौहार और उत्सव मनाए जाते हैं उन्हीं में से एक Chhath Puja है जो कि हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है।

यह त्यौहार प्रतिवर्ष हिंदू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी को मनाया जाता है। यह प्रमुख रूप से Bihar और Uttar Pradesh States में मनाया जाता है।

Chhath Puja vidhi significance: बता दे की एक तरफ अभी-अभी दिवाली ख़तम हुई है तो वही दूसरी ओर आज से देशभर में छठ मैया की पूजा और सूर्य उपासना का महापर्व शुरू हो रहा है। साथ ही इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। Chhath Puja के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा भी की जाती है। Chhath Puja का पर्व आरोग्य, समृद्धि और संतान के लिए रखा जाता है। यह 36 घंटे का निर्जला व्रत होता है। माना जाता है कि इस व्रत से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

Chhath Puja का पहला दिन नहाय खाय से शुरु होता है  

आपको बता दे की नहाय खाय से Chhath Puja की शुरुआत होती है। इस दिन जो व्रत रखते है वो सभी नदी में स्नान करते हैं इसके बाद सिर्फ एक समय का ही खाना खाया जाता है।

Chhath Puja के दूसरे दिन- खरना

साथ ही वही छठ मैया की पूजा का दूसरा दिन ‘खरना’ कहलाता है। जिस दिन विशेष भोग तैयार किया जाता है। इसके लिए शाम को मीठा भात (चावल) या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है। वहीं इस महाव्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू हो जाता है। आपको बताते चलें कि इस साल 2022 में खरना 29 October को है। 

Chhath Puja के तीसरे दिन– अर्घ्य 

साथ ही आपको बता दे की Chhath Puja की एक-एक विधि और नियम कायदे का अपना अलग धार्मिक और पौराणिक महत्व है। इस महापूजा के तीसरे दिन की भी अपनी अलग महिमा है। पूजा के तीसरे दिन शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस दौरान सभी व्रती श्रद्धालु अपनी-अपनी बांस की टोकरी में पूजा सामग्री के साथ फल, ठेकुआ और चावल के लड्डू भी रखते हैं। इस समय पूरे अर्घ्य के सूप को भी सजाया जाता है। जब पूरे विधि-विधान से पूजा हो जाती है फिर सभी व्रती अपने परिजनों के साथ मिलकर अस्ताचल सूर्य यानी डूबते सूरज देवता को अर्घ्य देते हैं। यानी इस दिन डूबते सूर्य की उपासना की जाती है। Chhath Puja का पहला अर्घ्य इस साल 30 October को दिया जाएगा। इस दिन सूर्यास्त का समय 05 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा। इसलिए इस समय को आपको जरूर नोट कर लेना चाहिए।

Chhath Puja के चौथे दिन- उषा अर्घ्य

वही, चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे के व्रत के बाद दिया जाता है। 31 October को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा। इस उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस विराट महापर्व और छठ मैया के व्रत का समापन होगा।

देखिये मनोकामना पूर्ति के लिए क्या करें?

संतान प्राप्ति के लिए यह करे-  जो लोग संतान प्राप्ति करना चाहते हैं वो लोग Chhath के दिन 108 बार इस मंत्र का जाप करें ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’. संतान की सुख समृद्धि के लिए इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर देना चाहिए।

आर्थिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए- जिन लोगों को किसी भी तरह की आर्थिक समस्या है वो छठी मैया के भजन और लोकगीतों को गुनगुनाने के साथ ही सूर्य देवता के इस विशेष मंत्र  ‘ऊं घृणिः सूर्याय नमः’ का जाप करें तो श्रद्धालुओं को आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सकता है।

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साथ ही वही मान्यता है कि इस दिन गरीब लोगों में खाना बांटा जाए तो छठ माता हर मनोकामना पूरी करती हैं। इसके साथ ही पशु-पक्षियों को गेहूं के आटे और गुड़ से बने व्यंजन खिलाने की बात घर के बड़े-बुजुर्ग बताते आए हैं।

आप सभी को Doon Prime News की तरफ से छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

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