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पेट्रोल -एलपीजी पर लोगों को मिलेगी राहत, वहीं Diesel अभी और करेगा परेशान, जानिए कंपनियों की बैलेंस शीट से क्या खबर आई सामने

पेट्रोल-डीजल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उछाल के बीच भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतें कई महीनों से स्थिर थी। ऐसे में तेल कंपनियों को हो रहे नुकसान के कारण अचानक कीमतों में तीव्र वृद्धि की खबरें आम आदमी को परेशान करती हैं। लेकिन इस बीच तेल कंपनियों की बैलेंस शीट से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसमें आम लोगों के लिए कुछ खुशखबरी है तो वहीं कुछ आफत के संदेश भी छिपे हैं।

आने वाले समय में डीजल की कीमतें आम आदमी को परेशान कर सकती हैं
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने से भारतीय ईंधन वितरक कंपनियां पेट्रोल और रसोई गैस में अपनी लागत की भरपाई करने की स्थिति में पहुंच गई हैं लेकिन अब डीजल की बिक्री पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दे कि देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह द्वारा बयान दिया गया जिससे साफ पता चलता है कि आने वाले वक्त में डीजल की कीमतें आम आदमी को परेशान कर सकती हैं, हालांकि पेट्रोल को लेकर ऐसी संभावना फिलहाल नहीं दिख रही हालांकि पेट्रोल को लेकर ऐसी संभावनाएं फिलहाल नहीं दिख रही है।

पेट्रोलियम कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल के दामों में नहीं किया कोई बदलाव
अरुण कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा कि पिछले चार-पांच महीनों में अंतरराष्ट्रीय दामों में लगातार होने वाली उठापटक की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल के दामों में कोई बदलाव नहीं किए। 1 दिन में $500 प्रति बैरल तक दाम घट बढ़ रहे थे।इस तरह के उतार-चढ़ाव की स्थिति में हम उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं डाल सकते थे। कोई भी वितरक इस तरह के उतार-चढ़ाव का बोझ नहीं डाल सकता है।

कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में गिरावट के बाद नुकसान हुआ काफी कम
बता दें कि बीपीसीएल के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल और एचपीसी ने भी करीब 5 महीने तक पेट्रोल और डीजल के खुदरा दाम में कोई फेरबदल नहीं किया। बीपीसीएल के मुखिया ने कहा, ” इस तरह के हालात में हमने खुद ही कुछ नुकसान सहने का फैसला किया।उस समय हमें यह उम्मीद भी थी कि हम आगे चलकर इस नुकसान की भरपाई कर लेंगे। ” अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम ज्यादा होने पर एक समय पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर ₹20 – ₹25 और पेट्रोल पर ₹14 -₹18 तक का नुकसान उठाना पड़ रहा था लेकिन कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में गिरावट आने के बाद अब यह नुकसान काफी कम हो गया है। हालांकि उन्होंने यह ब्यौरा नहीं दिया है कि सार्वजनिक पेट्रोलियम वितरण कंपनियों को इस समय कितना घाटा उठाना पड़ रहा है।

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अगले महीने से एलपीजी पर भी किसी तरह का घाटा नहीं होगा -सिंह
सिंह ने कहा, ” अगले महीने से एलपीजी पर किसी भी तरह का घाटा नहीं होगा इस तरह हमें पेट्रोल पर भी कोई नुकसान नहीं हो रहा है। लेकिन डीजल पर अब भी नुकसान की स्थिति बनी हुई है। ” उन्होंने कहा कि लंबे समय तक ऐसी स्थिति नहीं बनी रह सकती है। अगर कीमतें लंबे समय तक उठी रहती हैं तो खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी या सरकार से अनुदान के रूप में क्षतिपूर्ति की हमें जरूरत होगी।

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