एक पिता ने अपने पुत्र की महिला मित्र और सहायक बैंक प्रबंधक के विरुद्ध शिकायत दर्ज करानी चाही लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं किया जिसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप लगाया कि उनके बेटे ने उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की या दोनों ने उसे ट्रेन के आगे फेंककर हत्या की।
कोर्ट के आदेश पर युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उसकी महिला मित्र और सहायक बैंक प्रबंधक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतक के पिता काफी दिनों से थाने के चक्कर काट रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जिस पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।अधिवक्ता बिक्रम पुंडीर और अधिवक्ता बीना लखेड़ा के माध्यम से हरिकिशन भट्ट निवासी नथुवावाला ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। पीड़ित का आरोप है कि पिछले साल 25 नवंबर की रात को उनका बेटा मुकुल भट्ट दिल्ली जाने के लिए घर से निकला था।
अगले दिन सुबह उन्होंने उसे फोन किया तो पुलिस कर्मियों ने उठाया और कहा कि उनके बेटे की मृत्यु हो गई है। उन्हें बताया गया कि मोहकमपुर में हनुमान मंदिर के पास ट्रेन से कटने से मुकुल की मौत हुई है। मुकुल की काल डिटेल चेक की गई तो उसने अंतिम बार अश्रुति भट्ट उर्फ प्राची निवासी सहस्रधारा रोड और एसबीआइ रामपुर के सहायक प्रबंधक पीयूष सिंह निवासी पटना, बिहार के साथ लंबी बात की थी।
एक ही दिन में मुकुल ने प्राची को 25 से अधिक बार फोन किया था। जिस पर उसके पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे ने उक्त दोनों के उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की या दोनों ने उसे ट्रेन के आगे फेंककर हत्या की।
उन्होंने पुलिस से मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की और तमाम साक्ष्य भी उपलब्ध कराए, लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी। जिस पर वे कोर्ट की शरण में गए। नेहरू कालोनी थानाध्यक्ष मोहन सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।