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तेजस्वी की पत्नी को लेकर बीजेपी ने पूछा ये सवाल, जातीय गणना की रिपोर्ट पर बिहार में सियासी घमासान। जानिए पूरी खबर।

जातीय गणना रिपोर्ट जारी के साथ ही बिहार की राजनीति एक बार फिर जाति पर केंद्रित होती दिख रही है। एक तरफ जहां महागठबंधन सरकार रिपोर्ट को आधार बनाकर काम करने के लिए उत्साहित दिख रही है वहीं भाजपा ने जाति गणना की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़ा कर दिए है। रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी पर व्यक्तिगत हमले करने से भी पीछे नहीं हटे।

बिहार सरकार ने जातीय गणना रिपोर्ट जारी कर दिया है। रिपोर्ट जारी करने के साथ ही बिहार की महागठबंधन जाति गणना रिपोर्ट का आधार पर काम करने बात कह रही हैं। इस बीच, भाजपा ने जाति गणना रिपोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जाति गणना की रिपोर्ट में कई गंभीर त्रुटियां हैं। रिपोर्ट के आंकड़ों के साथ हेराफेरी की गई है।चौधरी ने कहा कि गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से ही थर्ड जेंडर और धानुक समाज के अलावा कई जातियों की शिकायत है कि हमारी संख्या कम कर दी गई। अति पिछड़ों में शामिल जातियों को कई वर्गों में बांट कर गड़बड़ी की गई है। बड़ी संख्या में लोगों की शिकायत की हमसे जाति पूछा ही नहीं गया। लाखों लोगों की गिनती नहीं हुई है।

बिहार भाजपा अध्यक्ष ने पूछा कि जाति गणना में किस तरह की कार्यप्रणाली अपनाई गई है? तेजस्वी यादव खुद किसी दूसरी जाति के हैं, वहीं उनकी पत्नी का धर्म ही अलग है।सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में अंतर्जातीय व अंतर्धार्मिक विवाह आम बात है। राज्य में अंतर्जातीय और अंतर्धार्मिक विवाह करने वालों बड़ी संख्या है। उनकी गणना कैसे की गई है?

लालू-नीतीश को चुनौती देते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि अगर दोनों भाई में दम है तो अपनी गद्दी छोड़ें और किसी अति पिछड़े को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनाकर दिखाएं। तब मान लेंगे कि ये अति पिछड़ा के समर्थक हो गए हैं।चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार अब लालू यादव के दबाव में तुष्टिकरण के लिए जातीय आंकड़ों के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि भाजपा ने गरीबों के कल्याण के लिए नीतीश कैबिनेट में रहते हुए जातीय गणना का समर्थन किया था।उन्होंने राजद पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि जिनका इस जातीय गणना से कोई मतलब नहीं रहा वे आज इसे लेकर ढोल पीट रहे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट सरकार क्यों नहीं जारी की।

विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता हरि सहनी ने इस जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को लेकर कटाक्ष किया। सहनी ने कहा कि जिस तरह कोई परीक्षा में एवरेज मार्किंग किया जाता है, उसी तरह ही इसमें किया गया है।किसी जाति की संख्या को घटा तो किसी को बढ़ा दिया गया। इससे स्थिति यह हो गई कि कहीं खुशी तो कहीं गम की स्थिति है। एक ही जाति को कई वर्गों में बांट दिया गया।

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