Doon Prime News
Breaking News

भारत ने दिखाया वैश्विक नेताओं को आईना, विदेश मंत्री जयशंकर बोले- दुनिया अब भी दोहरे मानकों वाली। जानिए पूरी खबर।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि यह दुनिया अब भी ‘दोहरे मानकों’ वाली है और जो देश प्रभावशाली स्थिति में हैं, वे बदलाव के दबाव का प्रतिरोध कर रहे हैं और जो देश ऐतिहासिक रूप से प्रभावशाली हैं, उन्होंने अपनी कई क्षमताओं का हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय मिशन, संयुक्त राष्ट्र भारत और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ (ORF) द्वारा आयोजित ‘दक्षिण का उदय:साझेदारियां, संस्थाएं एवं विचार’ शीर्षक वाले मंत्रिस्तरीय सत्र में शनिवार को यहां कहा, ‘मुझे लगता है कि बदलाव के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति के बजाय राजनीतिक दबाव है।‘

उन्होंने कहा कि दुनिया में इस प्रकार की भावना बढ़ रही है और ‘ग्लोबल साउथ’ एक तरीके से इसे प्रतिबिंबित करता है, लेकिन इसका राजनीतिक प्रतिरोध भी हो रहा है। ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल उन विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।जयशंकर ने कहा, ‘जो (देश) प्रभावशाली स्थितियों में हैं, वे बदलाव का प्रतिरोध कर रहे हैं। हम सबसे अधिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसा देखते हैं।’

जयशंकर ने कहा, ‘जिनका आज आर्थिक प्रभुत्व है, वे अपनी उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं और जिनका संस्थागत या ऐतिहासिक प्रभाव है, वे भी अपनी कई क्षमताओं का वास्तव में हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। वे बातें तो उचित कहेंगे, लेकिन आज भी वास्तविकता यही है कि यह बहुत हद तक दोहरे मानकों वाली दुनिया है।स्वयं कोविड इसका एक उदाहरण है। इस संपूर्ण परिवर्तन में एक मायने में स्थिति यह है, जब ग्लोबल साउथ अंतरराष्ट्रीय प्रणाली पर अधिक से अधिक दबाव बना रहा है और ‘ग्लोबल नॉर्थ’… न केवल ‘नॉर्थ’, बल्कि ऐसे कई देश इस बदलाव को रोक रहे हैं, जो स्वयं को ‘नॉर्थ’ का हिस्सा नहीं मानते।’‘ग्लोबल नॉर्थ’ शब्द का इस्तेमाल विकसित देशों के लिए किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका और यूरोप, इजराइल, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

जयशंकर ने कहा कि पूरी दुनिया जिन मुख्य समस्याओं से जूझ रही है, उनमें ऋण, एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) संसाधन, जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कार्रवाई से जुड़े संसाधन, डिजिटल पहुंच, पोषण और लैंगिक मामले शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उचित कहा कि ‘आइए, पहले उन लोगों से बात करें जो वार्ता की मेज पर नहीं होंगे, आइए जानें कि उन्हें क्या कहना है’, और इसलिए भारत ने ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट-2023’ का आयोजन किया। शिखर सम्मेलन की मेजबानी ने भारत को ये कहने के लिए प्रमाणिक और अनुभव पर आधारित आधार दिया कि ‘हमने 125 देशों से बात की है और ये बातें उन्हें वास्तव में परेशान कर रही हैं और यही कारण है कि हमें इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।‘

Related posts

Breaking news :गंभीर बीमारी के चलते भारत के मशहूर गायक पंकज उधास का हुआ निधन, मुंबई में कल होगा अंतिम संस्कार

doonprimenews

Israel Hamas War LIVE: इस्राइल-हमास के बीच संघर्ष में 3900 की मौत; गाजा में अस्पताल में भर्ती मरीजों पर खतरा। जानिए पूरी खबर।

doonprimenews

यूपी में फ‍िर बदनाम हुई खाकी, 10 हजार रुपए र‍िश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए दारोगाजी; एंटी करप्शन टीम ने दबोचा।

doonprimenews

Leave a Comment