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Rishikesh :जी -20शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधि पहुंचे मॉडल विलेज ओणी, ग्रामीण परिवेश, जीवन और दिनचर्या से हुए रूबरू

जी -20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने रविवार को नरेंद्रनगर के मॉडल विलेज ओणी गांव का दौरा किया। अतिथियों ने यहां ग्रामीण परिवेश, जीवन और दिनचर्या को निकट से जाना। विदेशी मेहमानों ने जहां गांव में पौधारोपण किया। वहीं ग्रामीण जीवन से स्वयं को जोड़ते हुए यहां हाथ चक्की, मंथनी और ओखली में भी हाथ आजमाए।


जी हाँ,नरेंद्र नगर में आयोजित तीन दिवसीय जी-20 के एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक के पश्चात रविवार को सभी अतिथि ओणी गांव पहुंचे। जी-20 सम्मेलन के लिए ओणी गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित किया गया था। यहां मुख्य रूप से पांच स्थानों पर अतिथियों को भ्रमण कराया गया। जिनमें मॉडर्न आंगनबाड़ी, मॉडर्न पंचायत घर, फॉरेस्ट वाचिंग टावर, ओपन जिम तथा म्यूजियम शामिल था।


आपको बता दें की ओणी गांव में स्थापित की गई जी-20 वाटिका में अमलसारी के पौधों का रोपण किया गया। गांव के भ्रमण के लिए अतिथियों को चार टीमों में बांटा गया था। सभी टीमों ने अलग-अलग समय में विभिन्न जगहों का भ्रमण कर ग्रामीण जीवन को जाना और समझा। इस दौरान विदेशी मेहमानों ने स्थानीय महिलाओं के साथ हाथ से चलाई जाने वाली चक्की, दूध मंथने वाली मांथनी तथा ओखली में हाथ भी आजमाएं। विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने अतिथियों को जानकारी दी।


वहीं इससे पहले जी-20 बैठक में शामिल होने उत्तराखंड पहुंचे विभिन्न देशों के आठ प्रतिनिधि शनिवार को देहरादून एयरपोर्ट से रवाना हो गए। एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार शनिवार को दोपहर 3:20 पर कोरिया देश का एक प्रतिनिधि, नाइजीरिया देश का एक प्रतिनिधि, जबकि शाम 6:30 बजे इंडोनेशिया के तीन प्रतिनिधि, शाम 7:30 बजे तुर्की के एक प्रतिनिधि के अलावा अन्य देशों के दो अधिकारी अपने देश रवाना हुए। बाकी अन्य प्रतिनिधियों के रविवार को वापस लौटने का कार्यक्रम है।


दरअसल,वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जी-20 बैठक का आयोजन उत्तराखंड के लिए बेहतर अवसर है। यह बैठक उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाने का काम करेगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जी-20 की बैठकें भारत में विभिन्न राज्यों में आयोजित की जा रही हैं। उत्तराखंड को अपेक्षाकृत छोटा राज्य होने के बावजूद जी-20 की तीन बैठकों की मेजबानी का अवसर दिया गया है। यह राज्य के लिए खुद को वैश्विक मानचित्र पर अधिक प्रभावी ढंग से लाने का एक अवसर है।


उत्तराखंड एक पर्यटन-केंद्रित राज्य है, लेकिन इसके कई ऐतिहासिक स्थलों को अभी भी दुनिया भर के पर्यटक नहीं जानते। उन्होंने कहा कि यह बैठक राज्य को वैश्विक मानचित्र पर एक नए तरीके से प्रस्तुत करेगा। साथ ही दुनिया पहाड़ी राज्य में हो रहे विकास को देखेगी। उन्होंने कहा कि जी-20 बैठक में पहुंचे आगंतुकों को उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य, स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और उत्पादों से रूबरू होने का अवसर मिला है।

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन का दायरा काफी सीमित है, लेकिन उत्तराखंड ईको-टूरिज्म, साहसिक पर्यटन और प्रकृति से समृद्ध है। कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा कि नरेंद्र नगर टिहरी राज्य की की राजधानी रही है, जो उत्तराखंड के इतिहास में एक प्रमुख स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्रनगर के ओणी गांव को माडल गांव के रूप में विकसित किया गया है। इस गांव को भी जी-20 मेहमानों की मेजबानी का मौका मिला है। उम्मीद है कि राज्य के सभी गांवों पर भी इसी तरह ध्यान दिया जाएगा और वे उसी तरह से विकसित होंगे।

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