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इस तिथि में मनाया जाता है हरतालिका तीज(Hartalika Teej) का त्योहार जानिए इसके पीछे की कथा

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हरतालिका तीज(Hartalika Teej) 2022 Date:हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तिथि में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनायी जाती है और सुखी विवाहित जीवन और संतान की प्राप्ति के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारतीय महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल तीज का त्यौहार 30 अगस्त 2022 यानी आज मनाया जा रहा है। तीज मुख्य रूप से राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाई जाती है। आइए हम आपको बताते हैं हरतलिका तीज (Hartalika Teej) के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, योग के बारे में।

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज(Hartalika Teej) का मंगलवार 30 अगस्त को शुभ प्रातः काल हरतालिका पूजा मुहूर्त सुबह 6:23 बजकर 8:35 तक की जा सकेगी।

अवधि: 2घंटे 30 मिनट
तृतीया तिथि प्रारंभ: अगस्त 2022 को शाम 3:20 से
तृतीया तिथि समाप्त; 30 अगस्त 2022 को शाम 3:33 तक

हरतालिक तीज(Hartalika Teej) का शुभ योग?
रवि योग:
सुबह 6:23 से रात 11:50 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:14 में शाम 1:04 तक।
विजय मूहर्त: शाम दो बजकर 44 मिनट से शाम 3:34 तक।

हरतालिका तीज(Hartalika Teej) की कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भूखे प्यासे रहकर तपस्या की। माता पार्वती की यह स्थिति देखकर उनके पिता हिमालय बेहद दुखी हुए। 1 दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के लिए विवाह का प्रस्ताव लेकर आए लेकिन जब माता पार्वती को इस बात का पता चला तो वे विलाप करने लगी।

एक सखी के पूछने पर उन्होंने बताया कि वे भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही है। इसके बाद अपनी सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गईं और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई। इस दौरान भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की आराधना में मग्न होकर रात्रि जागरण किया। माता पार्वती के इस कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छा अनुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्री हरतालिका तीज(Hartalika Teej) का व्रत रखती हैं और भगवान शिव माता पार्वती की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करती है।

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हरतालिका तीज(Hartalika Teej) वार्ता पूजन विधि
हरतालिका तीज(Hartalika Teej) पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल को फल फूलों से सजाकर रखें, एक चौकी लगाएं और उस पर शिव पार्वती गणेश के प्रतिमा को स्थापित करें। भगवान शिव और माता पार्वती के सामने एक दीपक जलाएँ। इसके बाद श्रृंगार की पटरी से सुहाग की सारी वस्तुएं रखकर माता पार्वती को अर्पित करें भगवान को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। पूजा के बाद हरतालिका तीज(Hartalika Teej) की कथा सुने और गरीबों को इच्छा अनुसार कुछ दान करें। रात में जागरण करें सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ायें और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

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