देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर सियासी मोर्चाबंदी तेज कर दी है। पार्टी ने कार्यकर्ताओं से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों को 17 अप्रैल तक प्रदेश मुख्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस एक मजबूत रणनीति तैयार करेगी।
वरिष्ठ नेता नवप्रभात की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक
प्रदेश कांग्रेस की इस रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए वरिष्ठ नेता नवप्रभात की अध्यक्षता में जिलाध्यक्षों के साथ एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में संगठनात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना, मतदाता सूची में गड़बड़ियों को सुधारने की प्रक्रिया और “मेरा वोट, मेरा अधिकार” अभियान की प्रगति की गहन समीक्षा की गई।
संगठनात्मक प्रशिक्षण के प्रति जताई प्रतिबद्धता
बैठक में शामिल सभी जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों ने संगठनात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम को समयबद्ध, सुव्यवस्थित और परिणामोन्मुखी तरीके से पूर्ण करने की प्रतिबद्धता जाहिर की। यह प्रशिक्षण पार्टी के जमीनी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
मतदाता सूची की गड़बड़ियों पर सख्त निगाह
बैठक में यह भी तय किया गया कि नगर निकाय चुनावों में हुई संभावित अनियमितताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए जल्द ही एक ठोस रणनीति बनाई जाएगी। सभी जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे आगामी तीन कार्यदिवसों के भीतर अपने-अपने जिले के निर्वाचन कार्यालयों से मतदाता सूचियां प्राप्त कर लें, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इन आंकड़ों का समुचित उपयोग किया जा सके।
वरिष्ठ नेताओं ने साझा किए सुझाव
बैठक के दौरान कांग्रेस के सहप्रभारी सुरेंद्र शर्मा, प्रेम बहुखंडी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार साझा किए और चुनावी तैयारियों को मजबूत करने पर बल दिया। सभी नेताओं ने एक सुर में कहा कि यह समय संगठनात्मक एकजुटता दिखाने और जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाने का है।