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उत्तराखंड : राज्यसभा में महिला आरक्षण हुआ पास , सीएम धामी ने पीएम मोदी क़ो जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक सभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देश में मातृशक्ति के उत्थान की दिशा में यह सराहनीय कदम है। उन्होंने प्रदेश की मातृशक्ति की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का इसके लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री से शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने भेंट की। उन्होंने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं के ओर से नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा एवं राज्यसभा से पास होने पर मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में महिला सशक्तिरण के लिए लगातार सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। महिलाओं की प्रतिभाओं को उजागर करने की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

महिला आरक्षण के बारे में:

नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 के तहत लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। यह विधेयक 128 वां संविधान संशोधन विधेयक है।

विधेयक के अनुसार, आरक्षित सीटों को प्रति चक्र के लिए आवंटित किया जाएगा। प्रत्येक चक्र 15 वर्षों का होगा।

विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि आरक्षित सीटों के लिए चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के माध्यम से होंगे।

महिला आरक्षण के लाभ:

महिला आरक्षण के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

यह महिलाओं को राजनीति में भाग लेने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगा।

यह महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व और समान अवसर प्रदान करेगा।
यह महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनकी स्थिति में सुधार में मदद करेगा।

महिला आरक्षण के संभावित मुद्दे:

महिला आरक्षण के कुछ संभावित मुद्दे हैं, जिनमें शामिल हैं:

यह पुरुष उम्मीदवारों के लिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकता है।
यह राजनीतिक दलों के लिए उम्मीदवारों का चयन करना मुश्किल बना सकता है।


यह महिलाओं के बीच असंतोष पैदा कर सकता है, जो चुनाव नहीं जीत पाती हैं।


कुल मिलाकर, महिला आरक्षण एक सकारात्मक कदम है जो महिलाओं को राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व और समान अवसर प्रदान करेगा।

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