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वन दरोगा भर्ती में इन आरोपियों के खिलाफ किया गया मामला दर्ज

मुख्यमंत्री

देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि देहरादून वन दरोगा भर्ती फर्जीवाड़ा में इन आरोपियों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज किया गया है।

अनुज कुमार निवासी टोडा कल्याणपुर, रुड़की, हरिद्वार।
दीक्षित कुमार निवासी , जमालपुर खुर्द ज्वालापुर, हरिद्वार।
मोहम्मद जिशान निवासी नगला खुर्द, लक्सर, हरिद्वार।
मोहम्मद मजीद, निवासी जौरासी मस्त लढ़ौरा, मंगलौर ,हरिद्वार।
सचिन कुमार, निवासी कलियर शरीफ, हरिद्वार।
शेखर कुमार निवासी रायसी पौड़ी वाली लक्सर, हरिद्वार।

वन दरोगा के 316 पदों पर भर्ती परीक्षा 16 सितंबर 21 से 25सितंबर के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित की गई थी। परीक्षा में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनो के प्रयोग की जांच के बाद पुष्टि की गई है, जिसके बाद साइबर थाना में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि इसमें कुछ छात्रों को चुना गया। है। साथ ही इसमें शामिल हुए कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहरी पूछ्ताछ भी की जा रही है।

परीक्षा को कराने वाली एजेंसी मैंमर्स एनएसईआईटी लिमिटेड की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहाँ पर परीक्षाएं आयोजित हुई उनको भी चुन लिया गया है। आपको बता दें कि ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग शामिल पाए जाने के संकेत मिले हैं। ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहाँ नकल के सेंटर थे। ऑनलाइन परीक्षा कराने वाले एजेंसियों के कुछ लोग कक्ष निरीक्षक व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदेह प्रकाश में आए हैं।

वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में जिन आठ अभ्यर्थियों को संदिग्ध मानकर जांच की गई थी, उनमें से छह ने एक ही केंद्र पर परीक्षा दी थी। इनमे से चार को अलग अलग तिथियों में एक ही आईपी दी गई जबकि दो को एक जैसी। पता चला है कि ऑनलाइन उत्तर क्लिक करते समय सभी ने एक जैसा एग्जामिनेशन लॉग किया था। ऐसा बताया जा रहा है की परीक्षा में ऑफ लाइन के साथ ऑनलाइन भी नकल कराई गई है।

सितंबर 2021 में वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। आठ भर्तियों के नंबर काफी ज्यादा आये थे। अन्य की तुलना में आठ परीक्षार्थियों के नंबर में काफी अधिक अंतर के बाद आयोग को शक हुआ। 4 अगस्त को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी ने एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस को पत्र लिखकर परीक्षा मे धांधली की आशंका जताई थी। परीक्षा एनएसईआईटी एजेंसी के माध्यम से कराई गई थी।

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परीक्षा। 16 सितंबर से 25 सितंबर तक 18 शिफ्टों में आयोजित की गई। एसटीएफ ने प्राथमिक जांच में पता लगाया है कि आठ अभ्यर्थियों में से छह ने स्वामी दर्श आनंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी में परीक्षा दी थी, जिनमें से चार को विभिन्न तिथियों में एक ही आईपी दी गई, जबकि दो को एक जैसी अलग आईपी। एक अभ्यर्थी ने अल्मोड़ा स्थित नंदा देवी इंफोटेक सल्यूशंस और एक नैनीताल स्थित राधाकृष्ण एसेसमेंट सेंटर पर परीक्षा दी थी। जांच में सामने आया कि आठ में से छह अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र एक जैसा था। उनका एग्जामिनेशन लॉग एक जैसा पाया गया यानी एक समय में ही एक ही प्रश्न का उत्तर दिया था।

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