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स्वतंत्रता दिवस के दिन जब देशभर में तिरंगा लहराया जा रहा था, वहीं देहरादून एयरपोर्ट पर एक तिरंगे में लिपटा हुआ वीर जवान अपने घर लौटा। 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, का पार्थिव शरीर स्वतंत्रता दिवस के एक दिन बाद देहरादून पहुंचा। देहरादून एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह, और विधायक बृजभूषण गैरोला ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश और प्रदेश शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा है और उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। कैप्टन दीपक सिंह, देहरादून के निवासी और पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त महेश सिंह के पुत्र, 25 वर्ष की आयु में ही देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए। मुठभेड़ में उन्होंने आतंकियों से डटकर मुकाबला किया, और वीरगति को प्राप्त हुए। उनके बलिदान पर मुख्यमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मां भारती के इस वीर सपूत का बलिदान सदैव युवाओं में राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा जगाएगा।इस दुखद घड़ी में कैप्टन दीपक सिंह की बहनें, जो रक्षाबंधन के लिए अपने भाई की प्रतीक्षा कर रही थीं, शोक में डूब गईं। पिता महेश सिंह, जो इस समय कोच्चि (केरल) में थे, जैसे ही अपने बेटे के शहीद होने की खबर मिली, तुरंत देहरादून के लिए रवाना हो गए। उनके पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक द्वारा देहरादून लाया गया, जहां परिवार, रिश्तेदार, और स्थानीय लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए एकत्र हुए।

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उनके बलिदान ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है, और उनकी यादें हर दिल में बस गई हैं।

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