पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद राज्य के मौलवियों से एक अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने राज्य की सामाजिक एकता को बचाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि बंगाल की फिजा को बिगाड़ने की कोशिश एक सुनियोजित साजिश है, जिसके पीछे राजनीतिक स्वार्थ और बाहरी ताकतें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज देश में नफरत की राजनीति हावी होती जा रही है। यह हिंसा अचानक नहीं भड़की थी, बल्कि इसकी योजना पहले से बनाई गई थी ताकि समाज में दरार पैदा की जा सके।”
बीजेपी पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने सवाल उठाया, “क्या केवल एक धर्म ही महत्वपूर्ण है? क्या बाकी धर्मों का कोई स्थान नहीं?” उन्होंने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करती हैं और बंगाल में सांप्रदायिक सौहार्द को किसी कीमत पर टूटने नहीं देंगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ तत्व रामनवमी जैसे पर्वों का इस्तेमाल करके बाहरी लोगों के जरिए राज्य में अशांति फैलाना चाहते थे, लेकिन बंगाल की जनता ने संयम बरतते हुए इन प्रयासों को नाकाम कर दिया।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ भ्रामक वीडियो का भी ज़िक्र किया और कहा कि “कई वीडियो बंगाल से संबंधित नहीं हैं, फिर भी उन्हें बंगाल का बताकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।”
वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर भी उन्होंने कहा, “वक्फ की संपत्ति में हर धर्म के लोग रहते हैं। क्या सब कुछ एक ही पार्टी के अधिकार में होगा? कुछ तो सबके लिए छोड़िए।”
अपने भाषण के अंत में ममता बनर्जी ने दोहराया कि वह सभी धर्मों में विश्वास रखती हैं और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं होने देंगी। साथ ही उन्होंने लोगों से शांति और एकता बनाए रखने की अपील की।
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