उत्तराखंड का नया स्टेट मैप जारी: सर्वे ऑफ इंडिया का तीसरा संस्करण अपडेट्स के साथ उपलब्ध
देहरादून। उत्तराखंड को एक नया और पूरी तरह से अपडेटेड स्टेट मैप मिल गया है। सर्वे ऑफ इंडिया ने राज्य के नक्शे का तीसरा संस्करण जारी कर दिया है, जो आमजन, शोधकर्ताओं, योजनाकारों और पर्यटकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। यह नया नक्शा 1:500000 (एक सेंटीमीटर = 5 किलोमीटर) के स्केल पर तैयार किया गया है और इसमें उत्तराखंड के सड़क नेटवर्क, प्रमुख स्थलों की दूरी, और अन्य भौगोलिक बदलावों को दर्शाया गया है।
सटीक और विश्वसनीय नक्शे की जरूरत क्यों है?
किसी भी क्षेत्र की भौगोलिक, प्रशासनिक और परिवहन संबंधी जानकारी को समझने के लिए नक्शा सबसे प्रभावशाली उपकरण होता है। राज्य के विकास और योजना निर्माण में इसकी अहम भूमिका होती है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में तो नक्शे की सटीकता और भी ज्यादा मायने रखती है।
पहला नक्शा 2003 में जारी हुआ था
उत्तराखंड राज्य गठन के कुछ साल बाद, वर्ष 2003 में सर्वे ऑफ इंडिया ने पहला स्टेट मैप जारी किया था। इसके बाद 2008 में दूसरा संस्करण आया। लेकिन तब से अब तक कोई नया नक्शा नहीं आया था, जबकि इस बीच राज्य में सड़क, पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। अब जाकर तीसरा संस्करण सामने आया है, जो इन सभी बदलावों को शामिल करता है।
क्या खास है तीसरे संस्करण में?
- नया स्केल: नक्शा 1:500000 के पैमाने पर तैयार किया गया है यानी नक्शे का 1 सेंटीमीटर धरातल पर 5 किलोमीटर के बराबर होगा।
- सड़क नेटवर्क: नए और अपडेटेड रोड कनेक्टिविटी को शामिल किया गया है।
- प्रमुख स्थलों की दूरी: अहम स्थानों के बीच की दूरी उनके रूट के हिसाब से दी गई है।
- कोडिंग सिस्टम: हर प्रमुख स्थल के लिए कोड भी दिए गए हैं, जिससे रेफरेंस आसान हो जाता है।
ऑनलाइन उपलब्धता: कहां से करें डाउनलोड?
यह नया राज्य नक्शा भारत के महासर्वेक्षक (Surveyor General of India) हितेश कुमार एस. मकवाना के निर्देशन में तैयार किया गया है। आम नागरिक इस नक्शे को www.surveyofindia.gov.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।
शोध, योजना और पर्यटन में मददगार
यह नक्शा न केवल योजनाकारों और नीति निर्माताओं के लिए उपयोगी है, बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों को भी उत्तराखंड को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करेगा। अपडेटेड नक्शे की मदद से अब राज्य की संरचना, रूट्स और स्थलों की प्लानिंग ज्यादा सटीक तरीके से हो सकेगी।