मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में सोमवार को उच्चाधिकार प्राप्त समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की सहायता से संचालित टिहरी झील विकास परियोजना के तहत 95 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित विभिन्न पर्यटन विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि नई टिहरी में 54.05 करोड़ रुपये की लागत से सीवर नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जिसके अंतर्गत पाँच नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे। वहीं, 37.11 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कूड़ा प्रबंधन और कचरा निस्तारण केंद्र विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके।
पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1.46 करोड़ रुपये की लागत से महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, 2.33 करोड़ रुपये की लागत से प्रवेश द्वार के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
मदन नेगी रोपवे परियोजना को मिली हरी झंडी
बैठक में मदन नेगी रोपवे परियोजना को भी हरी झंडी दे दी गई। इस परियोजना के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने की स्वीकृति दी गई। यह रोपवे टिहरी झील क्षेत्र में पर्यटन को नया आयाम देगा और आवागमन की सुविधा को और बेहतर बनाएगा।
परियोजना कर्मचारियों को अतिरिक्त सुविधाएं, वित्त विभाग को भेजा गया जल आपूर्ति प्रस्ताव
मुख्य सचिव ने परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों के लिए यात्रा भत्ता (TA) और दैनिक भत्ता (DA) की सुविधा को मंजूरी दी। साथ ही, महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव (बच्चों की देखभाल हेतु अवकाश) को भी स्वीकृति दी गई।
इसके अलावा, ग्रामीण जल आपूर्ति से संबंधित सेंटेज चार्ज के प्रस्ताव को आगे की प्रक्रिया के लिए वित्त विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए, जिससे जल संस्थान के कार्यों को मजबूती मिलेगी।
यह बैठक टिहरी झील क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे न केवल बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा बल्कि पर्यटन को भी नई गति मिलेगी।
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