उत्तराखंड सरकार अवैध मदरसों पर शिकंजा कसते हुए लगातार कार्रवाई कर रही है। प्रशासन अब इन मदरसों की फंडिंग की भी गहराई से जांच करने की तैयारी में है। सोमवार को नगर क्षेत्र में संचालित तीन अवैध मदरसों को सील कर दिया गया, जिससे मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया। राज्यभर में अब तक 136 मदरसों को आवश्यक दस्तावेज न होने के कारण सील किया जा चुका है।
तीन अवैध मदरसों को किया गया सील
प्रदेश में अवैध मदरसों और अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई लगातार जारी है। सोमवार को शिक्षा विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने नगर क्षेत्र के तीन मदरसों को सील कर दिया। यह कार्रवाई उन मदरसों पर की गई, जो बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे थे।
प्रशासन की टीम ने फैज-ए-उल-उलूम एहले सुन्नत (वार्ड नंबर 7, जामा मस्जिद), मदरसा इस्लामिया अरविया तालीमुल कुरान सोसाइटी (वार्ड नंबर 4, मोती मस्जिद) और रजा मदरसा अरबिया (वार्ड नंबर 2, नौदिया फार्म) का निरीक्षण किया। जांच के दौरान जब ये मदरसे आवश्यक दस्तावेज दिखाने में असमर्थ रहे, तो अधिकारियों ने इन्हें अग्रिम आदेश तक सील करने का निर्णय लिया।
खाटू श्याम संकीर्तन में पथराव के बाद बढ़ी सख्ती
बीते 2 मार्च को खाटू श्याम बाबा के संकीर्तन के दौरान कुछ विशेष समुदाय के बच्चों द्वारा पथराव किया गया था। इसके बाद आरोपी बच्चों को जुबेर आलम नामक व्यक्ति ने एक मदरसे में शरण दी। इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अवैध मदरसों और अतिक्रमण के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
विधायक प्रतिनिधि ने की थी सख्त कार्रवाई की मांग
हाल ही में विधायक प्रतिनिधि विकास भगत ने कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम रेखा कोहली और ईओ अभिनव कुमार से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने अवैध मदरसों और अतिक्रमण के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और संबंधित मदरसों का निरीक्षण किया गया।
जांच के दौरान सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि इन मदरसों का न तो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पंजीकरण था और न ही मदरसा बोर्ड में। इसके अलावा, कुछ मदरसों के संचालकों द्वारा प्रशासन को गुमराह करने की भी कोशिश की गई। वार्ड नंबर 4 (मदीना मस्जिद) के पास स्थित मदरसा जामिया हबीबिया दरगाह शरीफ को लेकर इसके प्रबंधक मोहम्मद मेहताब ने दावा किया कि यह मदरसा पूर्व से ही बंद है और वहां कोई शिक्षा नहीं दी जाती।
प्रशासन की सख्त चेतावनी
उपजिलाधिकारी रेखा कोहली ने स्पष्ट किया कि बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों को किसी भी सूरत में संचालित नहीं होने दिया जाएगा। इस कार्रवाई में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जसविंदर सिंह, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी अभिनव कुमार, थाना प्रभारी पंकज जोशी और खंड शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि प्रधानाचार्या बसंती भी मौजूद रहीं।
सरकार अब इन मदरसों की फंडिंग की भी जांच करने जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन संस्थानों को आर्थिक सहायता कहां से मिल रही थी। आने वाले दिनों में प्रदेश के अन्य अवैध मदरसों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है।