देहरादून: उत्तराखंड सरकार अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के बाद अब उनकी वित्तीय स्थिति की गहन जांच करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी अनियमित रूप से संचालित मदरसों की फंडिंग के स्रोतों की गहराई से जांच करें और यह पता लगाएं कि कहीं उन्हें विदेशी संस्थाओं या अन्य संदिग्ध माध्यमों से तो वित्तीय सहायता नहीं मिल रही है। इस पूरी जांच की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी।
प्रदेश में अवैध मदरसों पर बड़ी कार्रवाई जारी
पिछले एक महीने में उत्तराखंड सरकार ने अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चलाया है। अब तक राज्य भर में 136 मदरसों को दस्तावेज अधूरे होने के कारण सील किया जा चुका है, जबकि रिपोर्टों के अनुसार 500 से अधिक मदरसे बिना किसी पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इन संस्थानों को चलाने के लिए आर्थिक संसाधन कहां से आ रहे हैं? क्या इनका संचालन किसी संगठित योजना के तहत हो रहा है? इस जांच के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या इन मदरसों को विदेशी स्रोतों से वित्तीय सहायता प्राप्त हो रही है।
जिला स्तरीय कमेटी करेगी जांच
राज्य में वर्तमान में 450 मदरसे आधिकारिक रूप से पंजीकृत हैं, जो सरकार को अपने वित्तीय दस्तावेजों और आय-व्यय का पूरा ब्यौरा देते हैं। इसके विपरीत, 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के संचालित हो रहे हैं। सरकार ने अब जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया है कि वे ऐसे सभी अनधिकृत मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों का सत्यापन करें और उनकी वित्तीय गतिविधियों की गहराई से जांच करें। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इन मदरसों को किस स्रोत से धन मिल रहा है और वह धन किस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा रहा है।
सीमा से लगे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे अवैध मदरसे
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश से सटे कुछ क्षेत्रों में अवैध रूप से मदरसों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। जसपुर, बाजपुर, किच्छा, काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, पछवादून और हरिद्वार जैसे क्षेत्रों में बिना किसी सरकारी पंजीकरण के कई मदरसों के खुलने की सूचना मिली है। सरकार का मानना है कि इन मदरसों की संख्या बढ़ना राज्य की सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर चिंता का विषय है। इसीलिए, अब इनकी गतिविधियों और वित्तीय स्रोतों की जांच की जा रही है ताकि कोई भी अनियमितता सामने आने पर कठोर कार्रवाई की जा सके।
अवैध निर्माण पर भी कार्रवाई तेज
देहरादून जिला प्रशासन ने हाल ही में सहसपुर क्षेत्र में एक बड़े मदरसे को सील कर दिया। यह मदरसा बिना किसी वैध अनुमति के एक अतिरिक्त मंजिल का अवैध निर्माण कर रहा था। प्रशासन द्वारा पहले ही इसे नोटिस दिया गया था, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद कार्रवाई करते हुए इसे सील कर दिया गया।
अवैध मदरसों की जिलेवार संख्या
सरकार द्वारा अब तक की गई जांच में विभिन्न जिलों में अवैध रूप से संचालित मदरसों की निम्नलिखित संख्या सामने आई है:
जिला | अवैध मदरसों की संख्या |
---|---|
ऊधम सिंह नगर | 64 |
देहरादून | 44 |
हरिद्वार | 26 |
पौड़ी गढ़वाल | 02 |
उत्तराखंड सरकार की इस सख्त कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य राज्य में अवैध रूप से संचालित होने वाले संस्थानों को बंद कराना और उनकी वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। आने वाले दिनों में सरकार इस जांच को और तेज कर सकती है, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इन मदरसों का संचालन किन स्रोतों से हो रहा है और उनका मुख्य उद्देश्य क्या है।
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