हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी ने अपनी पत्नी और तीन मासूम बच्चों की हत्या कर दी और फिर खुद को भी आग के हवाले करने की कोशिश की। यह भयावह वारदात 22 मार्च को हुई थी, लेकिन 23 मार्च को पुलिस की जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सबको चौंका दिया।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
हरपाल, जो उत्तराखंड के रुद्रपुर का मूल निवासी था और बहादुरगढ़ में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता था, पिछले कुछ समय से तनाव में था। पारिवारिक विवाद और आर्थिक तंगी के चलते उसने इस खौफनाक कदम को अंजाम दिया।
22 मार्च की रात हरपाल के घर में अचानक दो धमाके हुए, जिसके बाद आग लग गई। पड़ोसियों ने शोर सुनकर पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। इससे पहले कि आग विकराल रूप लेती, लोगों ने दरवाजा तोड़कर हरपाल को बाहर निकाल लिया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन अंदर का नज़ारा बेहद भयावह था।
पुलिस को घर के अंदर से हरपाल की पत्नी संदीप कौर और तीन बच्चों—दो बेटे जसकीरत और सुखविंदर सिंह, और बेटी चहर—की जली हुई लाशें मिलीं। शुरू में यह हादसा लग रहा था, लेकिन पुलिस जांच में यह मामला पूरी तरह से हत्या निकला।
15 पेज के सुसाइड नोट ने खोला राज
पुलिस जांच में पता चला कि हरपाल ने पहले अपनी पत्नी और बच्चों को नींद की गोलियां दीं, फिर तेज धारदार हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने घर में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी और खुद को भी जलाने की कोशिश की। हालांकि, पड़ोसियों की सतर्कता से उसकी जान बच गई।
घटना के बाद पुलिस को हरपाल का 15 पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपने तनाव और पारिवारिक झगड़ों का जिक्र किया था। बताया जा रहा है कि उसका अपनी बहन और जीजा के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था, साथ ही उस पर भारी कर्ज़ भी था।
इलाज के दौरान अस्पताल से भागा, लेकिन पुलिस ने दबोच लिया
घटना में गंभीर रूप से झुलसने के कारण हरपाल को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान वह वहां से फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब आगे क्या?
पुलिस के मुताबिक, हरपाल का पैसों को लेकर कई अन्य लोगों से भी विवाद चल रहा था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस अपराध के पीछे किसी और व्यक्ति का हाथ तो नहीं था।
यह घटना न सिर्फ एक परिवार के खत्म होने की दर्दनाक दास्तान है, बल्कि इस बात की चेतावनी भी देती है कि आर्थिक और पारिवारिक तनाव लोगों को कितनी भयानक स्थिति में धकेल सकता है।
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