उत्तराखंड के किच्छा में एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है, जो उत्तर प्रदेश के सौरभ राजपूत हत्याकांड जैसा ही प्रतीत होता है। मल्ली देवरिया निवासी हरीश की हत्या उसकी पत्नी पारुल और उसके प्रेमी रईस अहमद ने मिलकर की। पुलिस ने मामले की जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ था लापता, गेहूं के खेत में मिला शव
मल्ली देवरिया निवासी हरीश पुत्र बनवारी 15 मार्च को अचानक लापता हो गया था। इस संबंध में उसकी पत्नी पारुल ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। दो दिन बाद, 17 मार्च को हरीश का शव घर के पास एक गेहूं के खेत में बरामद हुआ, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। शुरुआत में पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला, लेकिन जब जांच आगे बढ़ी, तो हत्या की गुत्थी धीरे-धीरे सुलझने लगी।
काल डिटेल्स ने खोला हत्या का राज
शुरुआती जांच में पुलिस को इस बात का संदेह नहीं हुआ कि यह हत्या का मामला हो सकता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कोई विशेष निष्कर्ष सामने नहीं आया, जिससे पुलिस ने बिसरा सुरक्षित रख लिया। पहले तो ऐसा लगा कि हरीश नशे में धुत होकर गेहूं के खेत में गिर गया होगा, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन जब जांच की सुई उसकी पत्नी पारुल की ओर मुड़ी, तो मामले में नया मोड़ आया।
पुलिस ने पारुल की कॉल डिटेल्स की गहराई से जांच की, जिससे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उसके फोन रिकॉर्ड से यह स्पष्ट हो गया कि उसका प्रेमी रईस अहमद हत्या की रात उसके साथ था।
पत्नी और प्रेमी ने सोते समय तकिए से दबाया मुंह
जांच के दौरान यह सामने आया कि 15 मार्च को हरीश और उसकी पत्नी पारुल के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद पारुल ने अपने प्रेमी रईस अहमद उर्फ बाबू (निवासी वार्ड नंबर 20, इंदिरानगर, सिरोली कला) को घर बुला लिया। जब रात में हरीश सो गया, तो दोनों ने मिलकर तकिए से उसका मुंह दबा दिया। दम घुटने से हरीश की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद, तड़के रईस ने हरीश के शव को कंधे पर उठाकर कुछ ही दूरी पर स्थित गेहूं के खेत में फेंक दिया, ताकि इसे एक दुर्घटना का रूप दिया जा सके।
पुलिस ने पत्नी और प्रेमी को किया गिरफ्तार
मामले का खुलासा होने के बाद, मृतक के भाई शंकर की शिकायत पर पुलिस ने पारुल और रईस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को हरीश के घर से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब दोनों से कड़ाई से पूछताछ की, तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया तकिया भी बरामद कर लिया।
हत्या का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम
इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम में प्रशिक्षु आईपीएस प्रभारी निरीक्षक निशा यादव, निरीक्षक धीरेंद्र कुमार, एसआई राजेंद्र पंत, एसआई हेम चंद्र तिवारी, एएसआई जगदीश सिंह, कांस्टेबल किशोर कुमार, मनोज कुमार, नवीन भट्ट, वीरेंद्र रावत और महिला कांस्टेबल रेखा आर्य शामिल थे।
पूरी साजिश का हुआ खुलासा
यह हत्या इतनी सफाई से की गई थी कि शव मिलने के बाद पुलिस को भी पहली नजर में कोई संदेह नहीं हुआ। लेकिन जब पुलिस ने गहराई से जांच की, कॉल डिटेल्स खंगाली और पारुल से सख्ती से पूछताछ की, तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और लोगों में आक्रोश है। पुलिस अब आगे की जांच कर रही है, ताकि इस जघन्य अपराध से जुड़े अन्य संभावित पहलुओं का भी पता लगाया जा सके।
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