उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यकाल के चौथे वर्ष में नई टीम के साथ आगे बढ़ने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से प्रदेश की सियासी हलचल और तेज हो गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि धामी कैबिनेट में अगला बदलाव कब और कैसे होगा।
सीएम धामी और राज्यपाल के बीच मंत्रिमंडल फेरबदल पर मंथन
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह से शिष्टाचार भेंट की। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान दोनों के बीच मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम और संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल पर चर्चा हुई। सीएम धामी ने प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा पहले ही राज्यपाल को भेज दिया था, जिसे रविवार रात को मंजूरी मिल गई थी।
दिल्ली दौरे की अटकलें, लेकिन सीएम कार्यालय ने किया इंकार
चर्चा थी कि मुख्यमंत्री धामी कैबिनेट में बदलाव को लेकर मार्गदर्शन लेने के लिए दिल्ली जाने वाले हैं, जहां उनकी मुलाकात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से हो सकती थी। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने सोमवार को उनके दिल्ली दौरे से साफ इंकार कर दिया। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री अगले कुछ दिनों में दिल्ली का रुख कर सकते हैं।
राज्यपाल की बैठक अचानक स्थगित, अटकलों को मिला बल
राजभवन के सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल गुरमीत सिंह की 20 मार्च को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक तय थी, लेकिन इसे अचानक स्थगित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इस तारीख को राज्यपाल उत्तराखंड से बाहर रहेंगे। इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि धामी मंत्रिमंडल में फेरबदल की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है।
23 मार्च से पहले होगा बदलाव या बाद में?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तीन साल का कार्यकाल 23 मार्च को पूरा हो रहा है, जिसके बाद वे अपने चौथे वर्ष में प्रवेश करेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कैबिनेट में फेरबदल 23 मार्च से पहले होगा या उसके बाद। जानकारों का मानना है कि इस बदलाव को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है।
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की राज्यपाल से मुलाकात
इस बीच, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी सोमवार को राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को अपनी पुस्तक “हिमनद: मानव जीवन का आधार” भेंट की। हालांकि, इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है, लेकिन इसे भी सियासी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।
उत्तराखंड की राजनीति में इस समय कई अहम बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री धामी की अगली रणनीति पर सभी की निगाहें टिकी हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि कैबिनेट में फेरबदल कब और किस रूप में सामने आता है।
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