त्योहारों का मौसम आते ही मिलावटी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बढ़ जाती है, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगता है। खासकर होली जैसे बड़े पर्व के दौरान मिलावटखोर अधिक सक्रिय हो जाते हैं और सस्ते दामों पर मिलावटी खाद्य सामग्री की आपूर्ति बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने प्रदेशभर में सघन निगरानी और छापेमारी अभियान तेज कर दिया है।
धुलकोट, विकासनगर में छापेमारी, भारी मात्रा में मिलावटी सामग्री जब्त
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने शुक्रवार को धुलकोट, विकासनगर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया, जहां तीन कुंतल पनीर और 60 किलोग्राम मावा जब्त किया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह मिलावटी खाद्य सामग्री हरिद्वार (मंगलौर) से लाई गई थी और इसे देहरादून के प्रेमनगर, धुलकोट, सेलाकुई और सहसपुर क्षेत्रों में सप्लाई किया जाना था।
खाद्य सुरक्षा विभाग का सख्त रुख, सैंपल भेजे गए लैब
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि आयुक्त आर. राजेश कुमार के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है। खासतौर पर राज्य की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि बाहरी राज्यों से खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की आपूर्ति को रोका जा सके। जब्त किए गए खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मिलावटी खाद्य सामग्री नष्ट, प्रदेशभर में चल रहा सघन निरीक्षण अभियान
खराब गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों को शीशमबाड़ा डंपिंग जोन में नष्ट कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो त्योहार से पहले मिठाइयों, दूध, मावा, पनीर, खाद्य तेल, मसाले और अन्य खाद्य पदार्थों की जांच कर रही हैं। खासतौर पर देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि इन क्षेत्रों में मिलावटी उत्पादों की आपूर्ति अधिक होती है।
मिलावटखोरों पर होगी कड़ी कार्रवाई
छापेमारी के दौरान कई अन्य स्थानों से भी संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम (FSSA), 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध खाद्य सामग्री की सूचना तुरंत प्रशासन को दें, ताकि मिलावटखोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।
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