खतरनाक क्लीनर और फेक एंटीवायरस एप्स SharkBot मैलवेयर Play Store पर वापस आ गई है।मैलवेयर कथित तौर पर यूजर का बैंकिंग डाटा चोरी करता है। इन खतरनाक एप्स में मिस्टर फोन क्लीनर और Kylhavy मोबाइल सिक्योरिटी शामिल है। बुरी खबर यह है कि इसे पहले से ही 60,000से ज्यादा लोग इनस्टॉल कर चुके हैं।
आपको बता दें कि NCC ग्रुप की फॉक्स – आईटी के मुताबिक मैलवेयर को स्पेन, ऑस्ट्रेलिया,पोलैंड, जर्मनी, अमेरिका और ऑस्ट्रीया के यूजर्स को टारगेट करने के लिए बनाया गया था। उन्होंने लोगों से कहा था कि वे इन एप्स को ऑटोमेटिक अली उन्होंने लोगों से कहा था कि वह इन एप्स को ऑटोमेटिकली एक्सेसिबिलिटी परमिशन ना दें। यह ऐप एंटीवायरस के खतरों से सुरक्षित रहने के लिए मैलवेयर को नकली अपडेट इनस्टॉल करने के लिए कहती है।
फॉक्स -आईटी के अल्बर्ट सेगुरा ने कहा की मैलवेयर का नया वर्जन लोगों को एंटीवायरस के खतरों से सुरक्षित रखने के लिए फेक अपडेट इनस्टॉल करने के लिए कहता है।उन्होंने कहा की हमने गूगल प्लेस्टोर में दो SharkBot Dopper ऐप को एक्टिव पाया है।जिनको पहले 10हज़ार बार और फिर 50हज़ार बार इनस्टॉल किया जा चुका है।
अल्बट्रो सेगुरा ने कहा की यह मैलवेयर कथित तौर पर लॉगिंग की स्ट्रोक्स चुरा सकता है, SMS को इंटरसेप्ट कर सकता है और ऑटोमेटेड ट्रांसफर सिस्टम का उपयोग करके धोखाधड़ी से फंड ट्रांसफर कर सकता है। फॉक्स -आईटी की थ्रेट इंटेलिजेंट टीम ने 22 अगस्त 2022 को वर्जन 2.25के साथ एक नई शार्टबैक सैंपल का पता लगाया था। बता दें कि इस नए शार्टबैक वर्जन में एक नई सुविधा यह थी कि यह अपने यूजर्स के लिए कुकीज़ चुराने का काम किया करता है और उनके बैंक अकाउंट में लॉगइन करता है। वैसे तो गूगल इस पर प्रतिबंध लगा चुका है लेकिन जो कोई भी इसे अपने फोन में डाउनलोड कर रहा है तुरंत ही हटा दे साथ ही अपना बैंक अकाउंट अवश्य चेक करें।
आपको बता दें कि शार्कबोट एक बैंकिंग ट्रोजन है। इसे 2018 में पहली बार सर्च किया गया था। मलेशियस ऐप क्रिप्टो ऐप को टारगेट कर रहा था।जिसमें एक्सचेंज और ट्रेडिंग सर्विसेज पर विशेष ध्यान दिया था।मैलवेयर लॉगिन जानकारी चोरी कर सकता है, जिससे हैकर्स आपके अकाउंट को गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।