जान हथेली पर रखना क्या होता है, ये जरा पहाड़ में सफर करने वालों से पूछिए। पहाड़ी रास्तों पर सफर करते वक्त या तो सिर्फ भगवान बचा सकते हैं या फिर ड्राइवर। यात्रियों के भरोसे पर पहाड़ के ड्राइवर अक्सर खरे भी उतरते हैं। अब चंपावत में ही देख लें। जहां रुद्रपुर जा रही बस रपटते हुए खाई में गिरने वाली थी। अगर चालक ने समय रहते ब्रेक नहीं लगाए होते तो गाड़ी सीधे खाई में गिरती, लेकिन शुक्र है कि हादसा टल गया।
जानकारी के मुताबिक लोहाघाट डिपो की बस यूके07पीए, 2813 मंगलवार सुबह करीब 11 बजे लोहाघाट से रुद्रपुर जा रही थी। बस में ड्राइवर-परिचालक समेत कुल 41 यात्री सवार थे। बस पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही थे। करीब डेढ़ बजे बस स्वाला के करीब पहुंचने वाली थी कि तभी एक स्कूटी सवार अचानक बस के सामने आ गया। स्कूटी सवार को बचाने के के लिए ड्राइवर ने बस पर ब्रेक लगाया तो बस रपट कर सड़क के बिल्कुल किनारे पहुंच गई। शुक्र है कि सड़क किनारे किलोमीटर दर्शाने वाला पिलर था। जिससे टकराने के बाद बस अचानक रुक गई।
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इधर जैसे ही बस खाई के किनारे पहुंची बस में सवार यात्रियों की जान हलक में अटक गई। बस को खाई की तरफ लटका देख वो डर के मारे चीख-पुकार मचाने लगे। घटना के वक्त ड्राइवर अंगद लाल और परिचालक सतीश चंद्र जोशी भी बुरी तरह घबराए हुए थे, लेकिन उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला। साथ ही बस में सवार यात्रियों को एक-एक कर नीचे उतारा। कुछ देर बाद सभी को गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया।
बता दें कि पहाड़ में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। बारिश से एनएच पर गाद और सिल्ट जमा है, जिस वजह से वाहनों का संचालन मुश्किल हो रहा है। जिस जगह बस रपटने की घटना हुई, वहां भी भारी किचड़ जमा है। घटना के वक्त बस में 37 यात्री, चालक, परिचालक और दो स्टाफ के सदस्यों समेत कुल 41 यात्री सवार थे। अगर बस समय रहते रोकी न गई होती तो बड़ी अनहोनी हो जाती
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