कोरोना संक्रमण के दौरान जहां देश के कई अस्पताल लगातार मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं तो कहीं अस्पताल ऐसे भी हैं जो इस आपदा को अवसर के रूप में देख रहे हैं और मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे हैं।ऐसे अस्पतालों के खिलाफ प्रशासन भी सख्त हो रहा है और लगातार इन पर कार्यवाही की जा रही है। ऐसी ही एक खबर uttarakhand के नैनीताल जिले से भी आ रही है जहां एक बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पर सरकार द्वारा 3,75000 वसूलने को लेकर जुर्माना लगाया गया है साथ ही अस्पताल को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी भी दी गई है।
हल्द्वानी के नीलकंठ अस्पताल पर हुई कार्यवाई।
उत्तराखंड में आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी मरीजों से इलाज की रकम वसूली जा रही है कई अस्पताल यह कार्य कर रहे हैं। ऐसी ही एक खबर उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में स्थित नीलकंठ अस्पताल से भी सामने आई है जहां लीलाधर नैनवाल नामक एक शख्स ने स्टेट हेल्थ एजेंसी से अस्पताल के खिलाफ शिकायत की। जिसके बाद एजेंसी ने मामले की जांच की तो आरोप सही पाए गए। जिसके बाद अस्पताल से इलाज की रकम वापस लौटाने को कहा गया लेकिन अस्पताल ने रकम नही लौटाई गयी जिसके बाद अस्पताल पर पेनल्टी लगाई गई है। स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा नीलकंठ अस्पताल पर 375000 रुपए की पेनल्टी लगाई गई है।
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अस्पताल ने दी मामले पर सफाई।
पीड़ित को रकम न लौटाने पर एजेंसी द्वारा अस्पताल पर ₹375000 की पेनल्टी लगाई गई साथ ही अस्पताल के ऑडिट की सिफारिश भी की गई है। वही नीलकंठ अस्पताल के प्रबंधक मनीष जोशी ने सफाई देते हुए कहा की अस्पताल सिर्फ बाल रोग विभाग के मरीजों के इलाज के लिए ही आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत है।
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