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उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों और पूर्व सदस्यों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब उन्हें प्रतिमाह लगभग चार लाख रुपये वेतन-भत्तों के रूप में प्रदान किए जाएंगे, साथ ही विधायकों और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी। हाल ही में राजभवन ने इस संदर्भ में विधानसभा द्वारा पारित विविध संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है, जिससे इस प्रस्तावित वृद्धि का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले, वर्ष 2018 में विधायकों के वेतन और पूर्व विधायकों की पेंशन में अंतिम बार वृद्धि की गई थी।

मानसून सत्र में विधेयक को मिली मंजूरी

गैरसैंण में आयोजित मानसून सत्र के दौरान, सरकार ने विधायकों के वेतन-भत्तों में वृद्धि और कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए विधानसभा विविध विधेयक पारित किया। वर्तमान में, उत्तराखंड के विधायकों को लगभग तीन लाख रुपये प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में दिए जाते हैं। हालांकि, विधायकों ने वेतन और भत्तों में और वृद्धि की मांग की थी, जिसके परिणामस्वरूप इस विधेयक को लाया गया।

तदर्थ समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया निर्णय

विधायकों की वेतन-भत्तों की मांग को लेकर विधानसभा ने विधायक प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में एक तदर्थ समिति का गठन किया था। इस समिति ने विभिन्न राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन किया और अपनी रिपोर्ट विधानसभा को सौंप दी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही विधानसभा में विविध संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया और पारित किया गया।

विधायकों के वेतन-भत्तों में होगी वृद्धि

पारित विधेयक के अनुसार, अब विधायकों के वेतन-भत्ते की कुल राशि लगभग चार लाख रुपये प्रतिमाह होगी। इसके साथ ही विधायकों और उनके आश्रितों को राज्य के भीतर और बाहर कैशलेस इलाज की सुविधा भी प्राप्त होगी। इतना ही नहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की संस्तुति पर विधायकों को विदेश में इलाज कराने की भी सुविधा दी जाएगी।

पूर्व विधायकों की पेंशन में भी वृद्धि

विधानसभा ने न केवल वर्तमान विधायकों के वेतन-भत्तों में वृद्धि की है, बल्कि पूर्व विधायकों की पेंशन में भी सुधार किया गया है। इससे पूर्व विधायक भी इस नए प्रावधान के तहत बेहतर पेंशन और सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

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