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गैरसैंण ने उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर पहुंचकर “बसुदेव जिंदाबाद” और “भारत माता की जय” के नारे लगाए।पूर्व प्रधान राजे सिंह ने जानकारी दी कि बसुदेव सिंह करीब 13 साल पहले भारतीय सेना में शामिल हुए थे और वर्तमान में लेह में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

16 अगस्त की शाम को बसुदेव के पिता, पूर्व सैनिक हवलदार फते सिंह, को यूनिट से यह सूचना मिली कि उनके बेटे का निर्माण कार्य के दौरान एक हादसे में निधन हो गया है। यह खबर सुनते ही बसुदेव की पत्नी नेहा देवी और माता माहेश्वरी देवी गहरे सदमे में हैं और उनका रो-रो कर बुरा हाल है।

31 वर्षीय बसुदेव अपने पीछे दो पुत्र, 6 वर्षीय और 2 वर्षीय, छोड़ गए हैं। उनकी माता माहेश्वरी देवी पिछले दो साल से बीमारी के कारण बिस्तर पर हैं, और अब इस दुखद घटना ने परिवार को और गहरे संकट में डाल दिया है।

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