शनिवार को पूरी दुनिया में धरती कांपती रही। भारत के जम्मू-कश्मीर सहित पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, टोंगा और पपुआ न्यू गिनी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी भी देश से अब तक जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए झटके, लोग घरों से बाहर निकले
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में 33.63 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 72.46 डिग्री पूर्वी देशांतर पर, जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में रहा। झटके इतने तेज थे कि लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए, लेकिन किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
पाकिस्तान और ताजिकिस्तान में भी कंपन, नुकसान नहीं
पड़ोसी देश पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में भी तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, ताजिकिस्तान में रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह झटके जमीन से लगभग 110 किलोमीटर की गहराई में आए, जिससे धरती कुछ पलों के लिए हिल उठी।
प्रशांत क्षेत्र में भी धरती हिली: टोंगा और पपुआ न्यू गिनी प्रभावित
प्रशांत महासागर क्षेत्र के दो देशों—टोंगा और पपुआ न्यू गिनी—में भी शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। टोंगा में भूकंप की तीव्रता 6.5 दर्ज की गई, जबकि पपुआ न्यू गिनी में रिक्टर स्केल पर 5.4 तीव्रता के झटके आए। दोनों जगहों से भी किसी जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है।
सावधानी जरूरी, लेकिन फिलहाल राहत
दुनियाभर में आए इन भूकंपों से फिलहाल कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह एक बार फिर दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाएं बिना चेतावनी के आ सकती हैं। विशेषज्ञ लगातार लोगों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन के नियमों का पालन करने की सलाह दे रहे हैं।