हरिद्वार। हाल ही में हरिद्वार जेल में 15 बंदियों के एचआइवी संक्रमित होने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस वायरल वीडियो के कारण कई अफवाहें फैलने लगीं, जिसके बाद जेल प्रशासन ने इस मामले पर सफाई दी और इसे पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया।
जेल प्रशासन के अनुसार, वर्तमान में हरिद्वार जेल में कुल 23 एचआइवी संक्रमित बंदी हैं, जिनमें से कुछ तो पिछले एक से छह महीनों से कारागार में हैं, जबकि एक बंदी पिछले लगभग 10 वर्षों से जेल में निरुद्ध है। सभी संक्रमित बंदियों का इलाज स्वास्थ्य विभाग द्वारा चल रहा है और नियमित रूप से एचआइवी जांच की जाती है।
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि हाल ही में जेल में टीबी (क्षय रोग) के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था, और इस दौरान एचआइवी संक्रमण की कोई जांच नहीं की गई थी। उन्होंने इसे एक अफवाह बताते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार का सच्चाई का कोई आधार नहीं है।
जेल में प्रवेश करने वाले सभी बंदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है, जिसमें एचआइवी की जांच भी अनिवार्य है। इसके चलते जब भी नए बंदी जेल में प्रवेश करते हैं, उनकी एचआइवी स्थिति की पुष्टि की जाती है। जिन बंदियों में एचआइवी संक्रमण की पुष्टि होती है, उन्हें इलाज की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है।
इस बयान के बाद जेल प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि जेल में किसी प्रकार का संक्रमण फैलने की कोई संभावना नहीं है। जो भी बंदी एचआइवी संक्रमित हैं, वे बाहरी स्रोत से ही संक्रमित होकर जेल पहुंचे हैं।
जेल प्रशासन ने सभी से अफवाहों से बचने और सच की जानकारी को स्वीकार करने की अपील की है।
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