देहरादून: उत्तराखंड सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राज्य की 1.68 लाख महिलाएं “लखपति दीदी योजना” के तहत सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय प्राप्त कर रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस संख्या को बढ़ाकर दो लाख किया जाए, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने शिविर कार्यालय, हाथीबड़कला में ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की आजीविका को और सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएं। उन्होंने बताया कि महिला समूहों द्वारा किए जा रहे कार्य अत्यंत सराहनीय हैं और इन्हें और अधिक अवसर देने की आवश्यकता है।
इसी क्रम में चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थानीय महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से ग्राम्य विकास विभाग लगभग 15 लाख रुपये की लागत से 200 नए रेस्टोरेंट शुरू करने की योजना बना रहा है। इन रेस्टोरेंट्स का संचालन स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से किया जाएगा, जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि यात्रा मार्गों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए और अधिक आउटलेट खोले जाएं। इसके साथ ही परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत शेष 96 आउटलेट जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
जिलावार लखपति दीदी की संख्या इस प्रकार है:
जिला | लखपति दीदी की संख्या |
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ऊधम सिंह नगर | 27,435 |
हरिद्वार | 23,588 |
अल्मोड़ा | 14,143 |
पौड़ी | 12,771 |
टिहरी | 12,663 |
देहरादून | 12,518 |
नैनीताल | 12,910 |
चमोली | 10,315 |
उत्तरकाशी | 9,887 |
पिथौरागढ़ | 9,208 |
रुद्रप्रयाग | 6,072 |
बागेश्वर | 6,042 |
चंपावत | 5,835 |
सरकार का मानना है कि यदि इसी तरह से महिला समूहों को प्रोत्साहित किया गया तो राज्य में महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम होगी।