शेयर बाजार में ब्लैक मंडे: 7 अप्रैल को ऐतिहासिक गिरावट, जानिए वजहें
इस हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में ज़बरदस्त गिरावट देखने को मिली। निवेशकों के लिए यह दिन ‘ब्लैक मंडे’ बन गया। बाजार खुलते ही बिकवाली का तूफान आ गया और प्रमुख सूचकांक भारी गिरावट के साथ लुढ़कते नज़र आए।
सेंसेक्स-निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट
बीएसई सेंसेक्स आज करीब 2900 अंक की गिरावट के साथ 72,389 के स्तर पर ट्रेड करता देखा गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 920 अंक टूटकर 21,977 पर कारोबार कर रहा है। प्री-ओपनिंग के समय सेंसेक्स में लगभग 4000 अंकों तक की गिरावट और निफ्टी में 1100 अंकों की गिरावट देखी गई थी।
इस बड़ी गिरावट के कई अहम कारण सामने आ रहे हैं:
1. वैश्विक बाजारों का दबाव
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के बाद वैश्विक निवेशकों में घबराहट का माहौल है। एशियाई बाजारों में भारी बिकवाली का असर सीधे भारतीय बाजार पर पड़ा है। अमेरिका के प्रमुख इंडेक्स भी दबाव में हैं। गिफ्ट निफ्टी ने भी सुबह करीब 900 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की।
2. अमेरिकी टैरिफ का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में भारत समेत 180 से ज्यादा देशों पर निर्यात शुल्क (टैरिफ) लागू करने की घोषणा की गई है। यह निर्णय वैश्विक व्यापार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ का पूरा प्रभाव अभी बाजार में नजर नहीं आया है और आने वाले समय में इसका और गहरा असर हो सकता है।
3. चौथी तिमाही के नतीजों की चिंता
इस सप्ताह देश की बड़ी कंपनियों के Q4 (चौथी तिमाही) के वित्तीय नतीजे घोषित किए जाएंगे। वैश्विक बाजार की अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों की चिंता और भी बढ़ गई है। संभावित कमजोर नतीजों के डर से निवेशक बिकवाली की ओर झुक गए हैं।
4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
मार्च महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार में मजबूत खरीदारी की थी। लेकिन अप्रैल की शुरुआत होते ही उन्होंने मुनाफा वसूली शुरू कर दी है। इसके साथ ही घरेलू और विदेशी दोनों निवेशक अब सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतें भी ऊंचाई पर पहुंच गई हैं।
5. आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक से उम्मीदें
7 से 9 अप्रैल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आयोजित हो रही है। ऐसी संभावना है कि आरबीआई इस अस्थिरता के बीच रेपो रेट में कटौती कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो इससे बैंकों को सस्ते दर पर फंड मिलेगा और कर्ज लेना आम लोगों के लिए सस्ता हो जाएगा, जिससे निवेशकों को कुछ राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष: क्या आगे और गिरावट संभव है?
फिलहाल शेयर बाजार वैश्विक दबाव, अमेरिकी टैरिफ और निवेशकों की अनिश्चितताओं की वजह से भारी उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। अगले कुछ दिन बेहद निर्णायक होंगे। बाजार को स्थिर करने के लिए घरेलू मोर्चे पर आरबीआई के फैसले और वैश्विक स्तर पर किसी स्थिरता की उम्मीद ही फिलहाल एकमात्र सहारा नजर आ रही है।
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