रायपुर में ज़मीन बेचने के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एसआईटी (विशेष जांच टीम) की सिफारिश पर रायपुर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मामला दो अलग-अलग शिकायतों के आधार पर सामने आया, जिसमें करीब 70 से 80 लोगों से ज़मीन के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई है।
आरोप है कि आरोपियों ने एक निजी रियल एस्टेट कंपनी के साथ मिलकर लोगों को ज़मीन बेचने का झांसा दिया। बकायदा ज़मीन की रजिस्ट्री और बैनामा भी कराया गया, लेकिन जब पीड़ित कब्जा लेने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि जो ज़मीन उन्हें बेची गई, वह असल में बेचने वालों की थी ही नहीं।
एसआईटी की जांच में सामने आया कि आईएफआई रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने मयूर विहार दिल्ली के रश्मि जुनेजा, गुलशन जुनेजा समेत कई अन्य लोगों को ज़मीन बेची थी। बाद में डालनवाला निवासी शोभाराम रतूड़ी, गाजियाबाद निवासी सविता रतूड़ी और लाडपुर की विजयलक्ष्मी नौटियाल ने भी इसी तरह की ठगी की शिकायत दर्ज कराई। सभी पीड़ितों ने आशु शर्मा और अंजलि शर्मा से ज़मीन खरीदी थी, लेकिन बाद में कब्जा नहीं मिल पाया।
एसआईटी अधिकारी अजब सिंह चौहान की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी आशु शर्मा (कैनाल रोड निवासी), अंजली शर्मा (काशीपुर, ऊधमसिंहनगर निवासी) और कांता गुप्ता ने कंपनी के साथ मिलकर यह पूरा फर्जीवाड़ा रचा। खरीदारों से ली गई रकम कंपनी के खातों में ट्रांसफर हुई, जिससे साफ होता है कि ठगी एक योजनाबद्ध तरीके से की गई थी।
रायपुर थाना प्रभारी प्रदीप नेगी ने बताया कि मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। यह घोटाला कितने करोड़ का है, इसका खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा। फिलहाल तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
यह मामला दर्शाता है कि ज़मीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी के मामलों को लेकर सतर्कता और पारदर्शिता बेहद आवश्यक है।