देहरादून में फैली सनसनी
राजधानी देहरादून के विभिन्न इलाकों में कुट्टू के आटे से बनी खाद्य सामग्री का सेवन करने के बाद 100 से अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। बीमार लोगों को तुरंत कोरोनेशन अस्पताल और दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है। इस घटना के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है, और मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों की स्थिति का जायजा लिया। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अस्पताल पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की।
कुट्टू के आटे की पूड़ी खाने के बाद बिगड़ी तबीयत
घटना तब सामने आई जब व्रत के दौरान लोगों ने कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी और अन्य पकवानों का सेवन किया। इसके कुछ समय बाद ही लोगों को पेट दर्द, चक्कर और उल्टी की शिकायतें होने लगीं। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री धामी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सभी मरीज अब स्थिर स्थिति में हैं, लेकिन सरकार दोषियों को किसी भी हालत में बख्शेगी नहीं।
जांच के आदेश और कार्रवाई शुरू
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि कुट्टू के आटे की आपूर्ति विकासनगर, पटेलनगर और कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न दुकानों और गोदामों से की गई थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदिग्ध आटे को जब्त कर लिया और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने जारी की अपील
घटना के बाद देहरादून पुलिस ने सक्रियता दिखाई और आम जनता से अपील की है कि यदि किसी ने विकासनगर, पटेलनगर या कोतवाली क्षेत्र के दुकानों से कुट्टू का आटा खरीदा है, तो उसे खाने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच जरूर कर लें। पुलिस का कहना है कि यह मिलावटी हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्यों किया जाता है व्रत में कुट्टू के आटे का सेवन?
कुट्टू का आटा फलों के बीजों से तैयार किया जाता है, इसलिए इसे फलाहारी आहार के रूप में मान्यता प्राप्त है। व्रत के दौरान लोग इसे खाना पसंद करते हैं क्योंकि यह पोषण से भरपूर और ग्लूटेन फ्री होता है। गेहूं के आटे में ग्लूटेन पाया जाता है, जो कई लोगों के लिए एलर्जी का कारण बन सकता है। वहीं, कुट्टू के आटे से बने खाद्य पदार्थ पचाने में आसान होते हैं, इसलिए यह उपवास करने वालों की पहली पसंद होता है।
मिलावट से बढ़ रहा खतरा
हालांकि, बाजार में अधिक मुनाफा कमाने के लिए कई व्यापारी इसमें मिलावट कर देते हैं, जिससे इसके सेवन से फूड प्वाइजनिंग जैसी घटनाएं हो रही हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वालों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।
सतर्कता ही बचाव का उपाय
सरकार और प्रशासन की ओर से आमजन से आग्रह किया गया है कि वे बाजार से खरीदे गए कुट्टू के आटे की प्रमाणिकता सुनिश्चित करें और संदिग्ध खाद्य सामग्री के सेवन से बचें। अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी महसूस हो, तो तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर की सलाह लें।
यह भी पढें- उत्तराखंड: भूदेव ऐप से मिलेगी भूकंप की चेतावनी, आईआईटी रुड़की के सहयोग से हुआ विकास