ऋषिकेश। गंगा नदी में नहाने के दौरान पांच पर्यटक अचानक तेज बहाव की चपेट में आ गए, जिससे हड़कंप मच गया। बोट कर्मियों की सतर्कता से चार युवकों को सकुशल बचा लिया गया, लेकिन हरियाणा निवासी एक युवक अभी भी लापता है। एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम युवक की तलाश में जुटी हुई है। पिछले दस दिनों में बोट कर्मियों ने छह पर्यटकों को डूबने से बचाया है।
सच्चा धाम घाट पर नहाने के दौरान हुआ हादसा
शनिवार दोपहर लगभग 3:30 बजे मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के अंतर्गत सच्चा धाम घाट के समीप यह दर्दनाक हादसा हुआ। पांच दोस्त गंगा नदी में स्नान कर रहे थे, तभी अचानक तेज बहाव की चपेट में आ गए। घाट के आसपास मौजूद बोट संचालकों ने तुरंत हरकत में आते हुए रेस्क्यू अभियान चलाया और चार युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी 20 वर्षीय नरोत्तम का कोई पता नहीं चल पाया। उसकी तलाश के लिए एसडीआरएफ की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
डूबने वाले युवकों के नाम और पते
पुलिस के अनुसार, डूबने वाले पांच युवकों की पहचान नरोत्तम (20) पुत्र दुष्यंत, निवासी ग्राम खैरा, थाना महेंद्रगढ़, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा; पीयूष पुत्र धर्मेंद्र, निवासी ग्राम खायरा, थाना महेंद्रगढ़, जिला महेंद्रगढ़; आयुष पुत्र सुरेंद्र कुमार, निवासी कंकरखेड़ा सैनिक विहार, थाना कंकरखेड़ा, मेरठ, उत्तर प्रदेश; आदित्य पुत्र जयसिंह, निवासी पिलानी, जिला झुंझुनू, राजस्थान; तथा आर्यन पुत्र वीर सिंह, निवासी चिडावा ओजटू, जिला झुंझुनू, राजस्थान के रूप में हुई है।
बोट कर्मियों ने चलाया रेस्क्यू अभियान
हादसे के वक्त पास ही मौजूद बोट संचालक अंकुर कुकरेजा ने युवकों को डूबते देखा और तुरंत अपने बोट कर्मियों को अलर्ट किया। स्पीड बोट की मदद से पीयूष, आयुष, आदित्य और आर्यन को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन नरोत्तम तेज बहाव में लापता हो गया। एसडीआरएफ ढालवाला के निरीक्षक कवींद्र सजवाण ने बताया कि देर शाम तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा, लेकिन सफलता नहीं मिली। रविवार सुबह फिर से खोज अभियान शुरू किया जाएगा। लापता युवक के परिवार को सूचना दे दी गई है। रेस्क्यू टीम में अनिल बंसल, अजीत साहनी, विशाल धीमान, रिंकू आगरी समेत अन्य बोट कर्मी शामिल थे।
बोट कर्मियों की तत्परता से छह पर्यटकों की जान बची
ऋषिकेश के मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में गंगा नदी में डूबने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन बोट कर्मियों की सतर्कता से कई जिंदगियों को बचाया गया है। बीते दस दिनों में ही बोट कर्मियों ने छह पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला है। 20 मार्च को लक्ष्मणझूला स्थित संत सेवा आश्रम के पास दो युवक डूबने लगे थे, जिन्हें बोट कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए बचाया। अब शनिवार को भी पांच में से चार युवकों को बचाने में वे सफल रहे।
गंगा में नहाने वालों को दी गई चेतावनी
ऋषिकेश पुलिस और प्रशासन की ओर से बार-बार पर्यटकों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे गंगा के तेज बहाव को हल्के में न लें और सुरक्षित स्थानों पर ही स्नान करें। खासतौर पर उन स्थानों पर जाने से बचें जहां तेज धाराएं मौजूद हैं और सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। प्रशासन ने पर्यटकों को आगाह किया है कि नियमों का पालन करें अन्यथा लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
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