उत्तराखंड में लंबे समय से प्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार और विभिन्न निगमों, प्राधिकरणों एवं आयोगों में दायित्व वितरण की संभावनाएं अब और प्रबल हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली यात्रा के दौरान इस विषय पर केंद्रीय नेतृत्व के साथ विस्तार से चर्चा हुई। अब जब मुख्यमंत्री गुरुवार को देहरादून लौटने वाले हैं, तो यह माना जा रहा है कि नवरात्र के शुभ अवसर पर मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्वों का बंटवारा किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में पांच मंत्री पद खाली, जल्द हो सकता है विस्तार
वर्तमान में धामी मंत्रिमंडल में सिर्फ सात मंत्री कार्यरत हैं, जबकि पांच मंत्री पद खाली पड़े हैं। कामकाज का दबाव बढ़ने के कारण अब इन रिक्त पदों को भरना बेहद जरूरी हो गया है। चर्चा यह भी है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया जा सकता है।
दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से हुई अहम बातचीत
मुख्यमंत्री धामी मंगलवार को ओडिशा के दौरे के बाद दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने केंद्रीय नेताओं से मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व वितरण को लेकर गंभीर चर्चा की। प्रदेश संगठन स्तर पर पहले ही इस मुद्दे पर विमर्श हो चुका है, अब केंद्रीय नेतृत्व से अंतिम मुहर लगनी बाकी है। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही पांच नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ लेने का मौका मिल सकता है।
दायित्व वितरण को लेकर भी बढ़ रही मांग
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही भाजपा संगठन के भीतर विभिन्न आयोगों, निगमों और प्राधिकरणों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य नियुक्त करने की भी मांग तेज हो रही है। पार्टी ने अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं, ऐसे में विभिन्न पदों पर नियुक्तियां कर संगठन को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।
नवरात्र में आ सकता है बड़ा फैसला
सीएम धामी गुरुवार को देहरादून लौटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की अंतिम प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि नवरात्र के शुभ दिनों में ही नए मंत्रियों की घोषणा की जाएगी और दायित्व वितरण को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।
अब देखना यह होगा कि किन विधायकों को मंत्री पद मिलता है और किन नेताओं को संगठन में नई जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं। प्रदेश की राजनीति में इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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