NE

News Elementor

What's Hot

देहरादून में ऊबर कैब लूट: दो बदमाशों ने चालक को पिस्तौल दिखाकर गाड़ी छीनी, पुलिस अब तक खाली हाथ

देहरादून में शनिवार देर रात एक सनसनीखेज वारदात सामने आई, जहां हरियाणा के सोनीपत से बुक कर लाई गई ऊबर कैब को दो बदमाशों ने लूट लिया। कैब चालक इमरान अहमद, जो गाजियाबाद के लोनी का निवासी है, ने इस घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। घटना बालावाला

देहरादून में शनिवार देर रात एक सनसनीखेज वारदात सामने आई, जहां हरियाणा के सोनीपत से बुक कर लाई गई ऊबर कैब को दो बदमाशों ने लूट लिया। कैब चालक इमरान अहमद, जो गाजियाबाद के लोनी का निवासी है, ने इस घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। घटना बालावाला से दोनाली-रायपुर मार्ग के बीच हुई, जब दो युवक, जो मुर्थल से कैब में सवार हुए थे, चालक को पैसे देने के बहाने कार से उतारकर पिस्तौल की नोक पर उसे धमकाया और फिर कैब लेकर फरार हो गए।

कैसे दिया वारदात को अंजाम?

कैब चालक इमरान अहमद ने बताया कि वह इन दोनों युवकों को सोनीपत के मुर्थल से देहरादून ला रहा था और उन्हें चक्की नंबर चार के पास उतारना था। जब वह निर्धारित स्थान पर पहुंचा तो युवकों ने कार रुकवाई और भुगतान के लिए बाहर निकलने को कहा। जैसे ही चालक गाड़ी से उतरा, बदमाशों ने भी बाहर आकर उसकी कनपटी पर पिस्तौल तान दी और धमकाते हुए वहां से भाग जाने को कहा। डर के कारण चालक ने पीछे हटते ही देखा कि दोनों युवक कार लेकर फरार हो गए।

पुलिस की छानबीन जारी, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। एसपी देहात-1 जया बलोनी ने बताया कि जिस रूट से कैब आई थी, वहां के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही हैं। लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। कैब चालक के पास भी लुटेरों की कोई खास जानकारी नहीं थी, यहां तक कि वह उनके नाम तक नहीं जानता था।

ऊबर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन रविवार का दिन होने की वजह से कंपनी ने जानकारी देने में देरी की बात कही। अभी तक ऊबर की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली है, जिससे पुलिस की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

कैब में नहीं था जीपीएस, अपराधियों ने पहले से बनाई थी योजना?

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि लूटी गई कैब में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम नहीं था। ऊबर जैसी कंपनियों में आमतौर पर सभी गाड़ियों में जीपीएस लगा होता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था। पुलिस को शक है कि लुटेरों को पहले से ही इस बात की जानकारी थी कि इस कैब में जीपीएस नहीं है, इसलिए उन्होंने बेखौफ होकर इस वारदात को अंजाम दिया।

तीन कैब कंपनियों में थी गाड़ी रजिस्टर्ड, मालिक का भी ज्यादा संपर्क नहीं था

पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह कैब केवल ऊबर में ही नहीं, बल्कि ओला और रैपिडो में भी रजिस्टर्ड थी। यह गाड़ी शिव कुमार गुप्ता नाम के व्यक्ति की थी, जिसे चालक इमरान किराये पर लेकर चला रहा था। गाड़ी मालिक शिव कुमार गुप्ता ने बताया कि इमरान उन्हें महीने में सिर्फ 5-6 हजार रुपये दे देता था और उनके बीच ज्यादा संपर्क नहीं था।

18 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ

घटना के करीब 18 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं लगा है। कैब जिस रूट से आई थी, उस पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, लेकिन अभी तक लुटेरों का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है

यह भी पढें- Dehradun:रिश्वतखोरी में फंसा आरपीएफ दरोगा, सीबीआई ने रेलवे स्टेशन से रंगे हाथों पकड़ा

Doon Prime News is a dynamic news website delivering fast, reliable, and in-depth coverage of current affairs, politics, sports, and more. Stay informed with accurate and unbiased reporting.

Quick Links

Popular Categories

Must Read