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शहर के झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर में प्लेटलेट्स चढ़ाने के 2 दिन बाद मरीज की मौत से मचा हंगामा। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्लेट्स के नाम पर डाक्टरों ने मौसम्मी जूस चढ़ा दिया। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले को अपना संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं, जिसपर सीएमओ अस्पताल को सील कर दिया गया है। दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन का कहना है की आरोप गलत हैं। मरीज को 16 अक्टूबर को ही रेफर कर दिया गया था। रेफर करने के 2 दिन बाद उसकी मौत हुई।

बमरौली निवासी प्रदीप पांडेय को डेंगू के कारण 14 अक्टूबर को पीपल गांव के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वहीं 16 अक्टूबर को प्लेटलेट 17, हजार पहुंचने पर डॉक्टरों ने पांच यूनिट का इंतजाम करने को कहा था। देर रात तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज की हालत बिगड़ गई।

17 अक्टूबर की सुबह मरीज को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया जहाँ 19 अक्टूबर को प्रदीप की मौत हो गयी। प्रदीप के साले सोहबतियाबाग के सौरभ त्रिपाठी ने जर्जर टाउन में इस मामले की शिकायत की उनका कहना था कि अस्पताल के ही कुछ लोगों ने उन्हें 5हजार प्रति यूनिट के हिसाब से प्लेटलेट्स दी। उन्होंने यह भी कहा कि प्लेटलेट्स के बैग पर एसआरएन अस्पताल का टैग लगा हुआ है।

सौरभ ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में प्लेटलेट्स की जगह मौसम्मी जूस चढ़ाया इसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। कुछ ही देर में मामला डिप्टी सीएम बृजेश पाठक तक पहुँच गया। इसके बाद डिप्टी सीएम ने सीएम और डॉ नानकसरन को कार्रवाई के आदेश दिए। सीएमओ बृहस्पतिवार को अस्पताल को सील करते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम को गठित किया गया। बची हुई प्लेटलेट्स ड्रग विभाग की लैब में जांच के लिए भेजी गई।

ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्मी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए मेरे द्वारा दिए गए आदेशों के क्रम में तत्काल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है एवं प्लेटलेट्स पैकेट को जांच के लिए भेज दिया गया है।

डॉक्टर एसपी सिंह प्राचार्य, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने कहा की पैथोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ वत्सला मिश्रा ने बताया कि प्लेटलेट्स अस्पताल से नहीं लाई गई है। यह पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है। इसी तरह बेली का टैग लगा ब्लड कुछ दिनों पहले पकड़ा गया था।
पीड़ित के परिजन सौरभ पार्टी ने बताया कि मुझसे अस्पताल प्रशासन ने आठ यूनिट प्लेटलेट्स की मांग की थी। अस्पताल के संचालक सौरभ मिश्रा और उनके पुत्र ने प्रति यूनिट ₹5000 के हिसाब से पांच यूनिट प्लेटलेट्स दी। जब प्रदीप की हालत बिगड़ गई तो उन्हें रेफर कर दिया गया।

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ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के संचालक सौरभ मिश्रा ने कहा कि मरीज पहले से ही हृदय रोगी था। प्लेटलेट्स स्वरूप रानी अस्पताल से मंगाई गई हैं। वहाँ के कागज व रसीद मेरे पास है। मरीज की मौत रेफर होने के 2 दिन बाद हुई है। आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
प्रयागराज मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नानकसरन ने बताया मामला संज्ञान में आने के बाद डिप्टी सीएम के निर्देश पर तत्काल अस्पताल को सील कर दिया गया है। इसके अलावा प्लेट्लेट्स के सैंपल की जांच के लिए ड्रग विभाग की लैब में भेज दिया गया है।

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