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देहरादून। महिलाओं को सम्मान देने और समाज में उनके प्रति पक्षपात में बदलाव के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है इस वर्ष भी वैष्विक स्तर पर स्वीकार की गयी ‘ब्रेक द बायस’ थीम पर SGRR विश्वविद्यालय द्वारा लैंगिक असमानता को समाप्त करने की एक पहल के रूप में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्व विद्यालय में कार्यरत सभी महिला शिक्षिकाओं और कर्मचारियों के साथ ही छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आत्मनिर्भर महिलाएं ही सशक्त समाज का निर्माण कर सकती हैं इसलिए महिलाओं को प्रत्येक स्तर पर आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार मिलना चाहिए।

कार्यक्रम का शुभारंभ SGRR विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ0 यू0 एस0 रावत द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महिलाएं चाहे वह मां, बहन अथवा बेटी ही क्यों ना हो जितना दायित्व उनका अपने परिवार के प्रति होता है उतना ही उन्हें समाज के प्रति भी अपनी भूमिका का निर्वाह करना होता है इसीलिए लैंगिक असमानता को जड़ से मिटाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 2022 महिला दिवस का विषय ‘स्थाई कल के लिए आज लैंगिक समानता जरूरी, रखा गया है जिसका वर्तमान के साथ साथ भविष्य में महिलाओं के विकास और उनके लिए समाज में समान रूप से अवसरों से है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि SGRR विश्वविद्यालय में पुरुष कर्मचारियों की तुलना में महिला कर्मचारी और शिक्षक अधिक संख्या में है जिस कारण यहां पर महिला सशक्तिकरण दिखाई देता है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की समन्वयक प्रो0 मालविका कांडपाल ने कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि आज के इस शुभ अवसर पर संगीत से लेकर नृत्य और अन्य मनोरंजक कार्यक्रमों के समावेश के द्वारा लैंगिक समानता की आवश्यकता पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 दीपक साहनी ने कहा कि जागरूक महिलाएं ही एक संवेदनशील बराबरी और न्यायसंगत समाज के निर्माण में सहयोगी हो सकती है। साथ ही हमें पुरूष और महिलाओं दोनों को प्रगति के समान अवसर देने होंगे।

SGRR

इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता डॉ आकृति गुप्ता जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं उन्होंने उपस्थित छात्रों और शिक्षिकाओं के स्त्री रोग से संबंधित सवालों के जवाब दिए और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करनी चाहिए, स्त्रियों को कौन-कौन से गंभीर रोग किस किस आयु में होते हैं, जिसका ज्ञान हर महिला को होना चाहिए उन से कैसे बचा जा सके, वैक्सीन का महत्व जैसे विषयों पर प्रकाश डाला।

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इस अवसर पर इस अवसर पर मौजूद सभी वक्ताओं ने महिलाओं को सशक्त बनाने के बुनियादी सुझाव दिए। विष्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन ने अपने विचार भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा योगाभ्यास, कविता, लेंगिक असमानता की थीम पर नाटक तथा अन्य प्रस्तुतियां भी दी गई। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ0 मालविका  कांडपाल ने किया। इस मौके पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ0 मनोज गहलौत, परीक्षा नियंत्रक डॉ0 संजय शर्मा, डॉ0 कुमुद सकलानी, डॉ0 अरूण कुमार, डॉ0 कीर्तिमा उपाध्याय सहित विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी, सभी संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष के अलावा समस्त शिक्षक, स्टॉफ और कर्मचारीगण मौजूद थे।

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