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उत्तराखंड में बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर राज्य सरकार ने अब एक फुल प्रूफ तैयारी कर ली है. दरअसल साइबर क्राइम और सरकारी वेबसाइटों और अकाउंट पर लगातार साइबर हमलों को देखते हुए धामी सरकार ने जल्द एक SOP जारी करने के आदेश दिए हैं. साइबर मैनेजमेंट प्लान और क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर गाइडलाइन को बीते दिनों कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी थी.

उत्तराखंड के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लगातार साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं. अब राज्य सरकार ने यह मन बनाया है कि 5 करोड़ रुपए तक के साइबर अपराध का निस्तारण राज्य में ही होगा. इसके लिए राज्य सरकार ने एक्सपर्ट और पुलिस प्रशासन को यह आदेश दिए हैं कि साइबर जागरूकता के लिए कॉमन सर्विस सेंटरों से बातचीत करके उनकी सहायता ली जाए.

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आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की मानें तो आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सुरक्षा के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट और क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान के तहत पूरी गाइडलाइन तैयार की जाएगी. साथ ही राज्य में साइबर हमलों से निजात पाने के लिए सेक्टोरल सेर्ट के साथ-साथ सेर्ट यूटीके का गठन राज्य में किया जाएगा और केंद्रीय आईटी मंत्रालय के निर्देश के अनुसार राज्य में ही एक आधुनिक कार्यालय भी बनाया जाएगा. जिसमें 5 करोड़ रुपए तक के साइबर अपराध का निपटारा हो सकेगा. जल्द ही राज्य में साइबर एक्सपर्ट को तैनात करके इस तरह के मामलों को रोकने की कवायद भी तेज होगी.

बता दें कि उत्तराखंड में शहर और पहाड़ों पर लगातार साइबर अपराध बढ़ रहे हैं. रोजाना उत्तराखंड के 13 जनपदों में चार से पांच मामले साइबर अपराध से जुड़े हुए आ रहे हैं. इसको लेकर भी राज्य में जागरूकता अभियान तेजी से चलाया जाएगा.

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