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बाबा नीब करौरी के धाम कैंची में 15 जून को स्थापना दिवस मनाने के लिए प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। इस बार श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध होगी। यदि किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ती है, तो पहले स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार होगा और फिर हायर सेंटर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग से हेली सेवा मांगी गई है। पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन और सीसीटीवी से की जाएगी। स्वच्छता बनाए रखने के लिए भवाली से कैंची तक हर सौ मीटर पर पर्यावरण मित्र तैनात रहेंगे। सोमवार को नैनीताल क्लब में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने अधिकारियों की बैठक ली और बताया कि हेली सेवा केवल गंभीर स्थिति में ही प्रयोग होगी।

भवाली और गरमपानी से शटल सेवा के लिए 100 से अधिक बसों और 500 छोटे वाहनों की व्यवस्था की गई है। भवाली की पार्किंग फुल होने की स्थिति में भीमताल और हल्द्वानी से शटल सेवा चलेगी।एसएसपी पीएन मीणा ने बताया कि पार्किंग स्थलों को दस जोन में बांटा गया है और मंदिर परिसर में 100 मीटर में बैरीकेड लगाए गए हैं। बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और मंदिर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित थे।

व्यवस्थाएं:

1. पार्किंग: – भवाली और गरमपानी में 14 स्थल चिह्नित, डेढ़ हजार से अधिक वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था। – भवाली, भीमताल, हल्द्वानी से आने वाले वाहन नैनी बैंड बाईपास, भवाली मैदान, रानीखेत रोड पर पार्क किए जाएंगे। – नैनीताल, ज्योलीकोट से आने वाले वाहनों के लिए मस्जिद तिराहा, सेनिटोरियम बाईपास में पार्किंग व्यवस्था। – रानीखेत और अल्मोड़ा से आने वाले वाहनों के लिए गरमपानी में पार्किंग।

2. वाहन मार्ग – हल्द्वानी से अल्मोड़ा और रानीखेत जाने वाले वाहन रामगढ-क्वारब से भेजे जाएंगे। – पिथौरागढ़ की ओर जाने वाले वाहन खुटानी, पदमपुरी मार्ग से भेजे जाएंगे।

3. प्रतिबंध – मंदिर परिसर के आसपास हार्न बजाने, प्लास्टिक का प्रयोग, धूम्रपान, तंबाकू, इंटरनेट मीडिया, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, रील बनाने, फड़ खोखा संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध। – कैंची धाम से भवाली के बीच खाद्य एवं पेय पदार्थों का वितरण प्रतिबंधित रहेगा।

4. सामाजिक कार्य: – निश्शुल्क खाद्य और पेय पदार्थों का वितरण पार्किंग स्थल पर ही होगा। पार्किंग स्थलों पर भक्तों के खान-पान के लिए फूड वैन और बिजली की व्यवस्था की जाएगी। अन्य व्यवस्थाएं- रोडवेज की ओर से 150 बसों का इंतजाम किया गया है। 2022 में एक लाख और 2023 में एक लाख 25 हजार श्रद्धालु आए थे, इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और वे आराम से पूजा-अर्चना कर सकें।

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