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देहरादून स्थित साईग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल के प्रबंध निदेशक के विरुद्ध बच्चों के साथ की गई कथित बर्बरता के आरोप सामने आए हैं, जिसने न सिर्फ स्थानीय समाज बल्कि शिक्षा और बाल अधिकार समुदायों में भी चिंता की लहर दौड़ा दी है। बिहार के एक अभिभावक चंद्रमा प्रसाद सिंह के अनुसार, उनके दोनों बच्चों को प्रबंध निदेशक द्वारा न केवल मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, बल्कि अवांछित शुल्क वृद्धि और शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को रोककर उनके भविष्य से भी खिलवाड़ किया गया।

अभिभावक ने आरोप लगाया है कि स्कूल ने निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त, बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के, लगभग साढ़े नौ लाख रुपये का अतिरिक्त शुल्क वसूला। जब शुल्क विवरण की मांग की गई, तो स्कूल प्रबंधन ने इसे उपलब्ध कराने में असफल रहा। इसके अलावा, अभिभावक ने यह भी आरोप लगाया कि उनके दोनों बच्चों को नंगा कर के एक कमरे में बंद कर दिया गया और उन्हें धमकी दी गई कि यह बात वे घर पर न बताएं।

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अभिभावक द्वारा इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी सोनिका, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजकर गंभीर कार्रवाई की मांग की गई है। अभिभावक ने स्थानीय पुलिस स्टेशनों में भी शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने की बात कही है।

यह घटना न केवल उत्तराखंड में बल्कि पूरे भारत में बोर्डिंग स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाती है।

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