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ऋषिकेश एम्स में महिला चिकित्सक से छेड़छाड़ मामले में नया बवाल खड़ा हो गया है। आंदोलन के दौरान दो चिकित्सकों ने नर्सिंग ऑफिसर्स के लिए सोशल मीडिया में अभद्र भाषा का प्रयोग किया था, जिसके बाद नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (एनपीडीए) के आह्वान पर एम्स का नर्सिंग स्टाफ शनिवार की सुबह से हड़ताल पर चला गया है। एनपीडीए की ओर से शुक्रवार को पूरे दिन डीन एकेडमिक कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया था। कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के साथ यूनियन के नेताओं की बातचीत भी हुई थी। इसके बाद हृदय एवं शल्य चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अंशुमन दरबारी ने दोनों आरोपी चिकित्सकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।हालांकि, संगठन इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। उनकी मांग है कि यह नोटिस एम्स प्रशासन की ओर से जारी किया जाए और तब तक दोनों आरोपित चिकित्सकों को निलंबित रखा जाए। एनपीडीए के अध्यक्ष संजीव कुमार जांगिड़ और महासचिव दिनेश लुहार ने शुक्रवार को ही एम्स प्रशासन को हड़ताल का नोटिस दे दिया था।शनिवार की सुबह से ट्रामा, इमरजेंसी तथा गायनी ओटी को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं में तैनात नर्सिंग ऑफिसर्स हड़ताल पर चले गए। मेडिकल सुपरीटेंडेंट कार्यालय के बाहर सभी लोग धरना देकर बैठे हैं। उधर एम्स के मेडिकल सुपरीटेंडेंट प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने संस्थान में अस्थाई मुद्दों की निगरानी के लिए चिकित्सकों की छह सदस्य कमेटी का गठन किया है, जो मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के साथ तालमेल बनाकर काम करेगी। इस कमेटी के गठन पर भी एनपीडीए ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि नर्सिंग ऑफिसर्स को इस कमेटी में कोई जगह नहीं दी गई है। यह स्थिति आगे और गंभीर हो सकती है यदि प्रशासन ने नर्सिंग स्टाफ की मांगों को शीघ्रता से नहीं माना।

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