शुभमन गिल भारतीय क्रिकेट के नए स्टार है। टेस्ट के बाद वनडे और अब टी20 में धमाकेदार प्रदर्शन करने के बाद वह चर्चा में बने हुए हैं। उनका बल्ला लगातार बोल रहा है। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टी20 मैचों की सीरीज के तीसरे मुकाबले में शानदार शतक लगाकर खास उपलब्धि हासिल कर ली। शुभमन तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज हैं।
आपको बता दें की शुभमन की सफलता के पीछे उनके पिता का बड़ा योगदान है। घरवालों के समर्थन से ही शुभमन इस खेल में आगे बढ़ पाए। पिता ने बचपन से ही उन्हें काफी अभ्यास करवाया। पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले शुभमन बचपन में कई गेंदबाजों का सामना करते थे। इसके लिए उनके पिता अलग तरकीब अपनाते थे। वह गेंदबाजों के सामने शुभमन को आउट करने के लिए शर्त रखते थे। इस स्टार बल्लेबाज ने खुद ही बताया था कि पिता गेंदबाजों से कहते थे कि जो शुभमन को आउट करेगा उसे वह 100 रुपये देंगे।
दरअसल,शुभमन गिल ने बताया था कि उनका पूरा परिवार खेती पर निर्भर था। परिवार गांव में ही रहता था और उन्हें अभ्यास करने के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ता था। यह दूरी काफी लंबी होती थी। इसे देखते हुए पिता ने एक बड़ा फैसला किया था। उन्होंने चंडीगढ़ शिफ्ट होने का फैसला किया। वह खेती के लिए कभी-कभी गांव आया करते थे। इसका असर खेती पर पड़ने लगा।
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वहीं शुभमन गिल को अपने शुरुआती समय में युवराज सिंह और हरभजन सिंह से खास मदद मिली थी। तब वह घरेलू क्रिकेट में आए थे तब इनदोनों दिग्गजों ने उन्हें काफी मदद की। शुभमन ने बताया था कि युवराज सिंह ने लॉकडाउन के दौरान उनकी काफी सहायता की थी। वह लॉकडाउन के समय युवराज के पास जाते थे। वहीं पर वह अभ्यास, जिम और गपशप करते थे। युवराज को शुभमन ने अपना मेंटर बताया था।