तोहिश भट्ट,दून प्राइम न्यूज़ देहरादून
उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है। इसलिए इसे देवों की भूमि देवभूमि कहा जाता है। उत्तराखंड धामों, सिद्ध पीठों व देवालयों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं सिद्ध पीठों में से एक है, देहरादून के बडोवाला ग्राम सभा में कालूवाला में स्थित श्री कालू सिद्ध बाबा का मंदिर है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना को बाबा पूरा करते हैं।श्री कालू सिद्ध मंदिर ऋषिकेश-भानियावाला मार्ग के बीच से बडोवाला गांव को जाने वाले मार्ग पर स्थित है।
शिवालिक के जंगलों के बीच बसे इस मंदिर की भानियावाला मार्ग से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है। मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय ने लोक कल्याण के लिए अपने चौरासी शिष्य बनाए तथा संपूर्ण शक्तियां प्रदान की। ये चौरासी शिष्य वर्तमान में चौरासी सिद्धों के नाम से जाने जाते हैं। जिसमें श्री कालू सिद्ध बाबा भी एक है।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि श्री कालू सिद्ध बाबा के मंदिर के ऊपर छत नहीं है। बाबा पक्की छत नहीं पसंद करते हैं। कई बार पूर्व में प्रयास किए गए लेकिन वह सफल नहीं हुए। इस पवित्र स्थल पर मांगी गई मुराद पूरी होने पर भक्त भंडारा व पूजन भी करते रहते हैं।
मंदिर मे चढ़ता है गुड़ का प्रसाद
इस सिद्ध पीठ में सच्चे मन से मांगी गई इच्छा बाबा पूरी करते हैं। यहां पर प्रसाद के रूप में गुड़ की भेली चढ़ाई जाती है। मंदिर के पास बिना बोरिंग का फव्वारा भी है। रविवार को मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
इस कोरोना काल से भी बाबा जल्दी ही सबको मुक्ति दिलाएंगे। अब धीरे-धीरे लोग मंदिरों की तरफ आने लगे हैं, और फिर से मंदिरों में भक्तों की रौनक दिखने लगी है। आप भी अगर देहरादून आए तो कालू सिद्ध बाबा के दर्शन करना ना भूले।जो भी श्रद्धालुओं सच्चे मन से अपनी मुराद मांगता है, उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है।
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