एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि जयपुर के मुरलीपुरा इलाके के दबंगों से परेशान होकर गुरुवार सुबह मंदिर के पंडित गिरिराज शर्मा(Giriraj sharma) ने पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। गिरिराज (Giriraj sharma) 90 परसेंट तक झुलस गए थे। पुजारी को गुरुवार रात सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मामले में चार लोगों पर उन्हें आत्मदाह करने के लिए उकसाने का आरोप लगा है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके नाम दिनेश चंद्र, मूलचंद मान, रामकिशन शर्मा, सांवरमल अग्रवाल है। चारो आरोपी मंदिर ट्रस्ट और विकास समिति के सदस्य हैं। वही अभी तीन आरोपी फिलहाल फरार है।
पुजारी की मौत के बाद कॉलोनीवासी नहीं मनाएंगे जन्माष्टमी
आपको बता दें कि मृतक पुजारी मुरलीपुरा इलाके के शंकर विहार विस्तार कॉलोनी स्थित श्री लक्ष्मीनारायण ताकलेश्वर मंदिर में करीबन 25 साल से पूजा अर्चना कर रहे थे। पुजारी की मौत पर कॉलोनीवासियों ने जन्माष्टमी का पर्व नहीं मनाने का निर्णय लिया है। पिछली जन्माष्टमी पर गिरिराज शर्मा(Giriraj sharma) ने ही झांकी सजाई थी।
रोज़ की किट किट से परेशान होकर पुजारी ने की आत्महत्या
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मंदिर की दानपेटी में आने वाले पैसे पर विवाद चल रहा था। मंदिर की कथित समिति पुजारी को महज ₹10,000 की तनख्वाह पर ही रखना चाहती थीं। दानपात्र पर समिति का हक होगा। ऐसा नहीं करने पर मंदिर छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसके बाद रोजाना की किटकिट से परेशान पुजारी ने खुद को आग लगा ली। पुजारी की पांच बेटियां और दो बेटे हैं, जिनका जीवन यापन मंदिर में आए दान से ही चलता था, क्योंकि मंदिर कॉलोनी में था इसलिए मंदिर के कई ठेकेदार बन चूके थे, जिनको सेवा से ज्यादा मंदिर के चढ़ावे में रुचि थी, जिसका खामियाजा मंदिर के पुजारी गिरिराज शर्मा (Giriraj sharma)को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
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बीजेपी ने भी नहीं बताया कि इस मामले में उनका क्या स्टैंड है
प्रदेश में यह स्थिति सिर्फ एक कॉलोनी के मंदिर की ही नहीं बल्कि सभी जगह के समाज में कई ठेकेदारों के चलते इस प्रकार की स्थिति बन गई है। जहाँ कमजोर को दबाने का काम प्रशासन के सहयोग से चल रहा है। इस मंदिर के पुजारी गिरिराज (Giriraj sharma) ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर दोषारोपण तो किया, लेकिन समाज में एक असंतोष और आर्थिक असुरक्षा का जो भाव उत्पन्न हुआ है, उस पर किसी ने भी कोई बात नहीं की। बीजेपी ने भी अपना कोई स्टैंड नही नहीं बताया कि उनका इस मामले पर क्या स्टैंड है।