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Karnataka में हिजाब को लेकर हुए विवाद की हवा Dehradun तक आ गई है। मंगलवार को बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने रैली निकालकर हिजाब पर पाबंदी की कोशिशों के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने इस प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया और छात्राओं को परेशान करने वालों पर कार्रवाई की मांग की। इस संबंध में महिलाओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को ज्ञापन भेजा।

दिन में करीब 11 बजे पुराना बस अड्डा (bus stand) परिसर में मुस्लिम महिलाएं एकत्र हुईं। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में police बल भी वहां पहुंचा। हिजाब के समर्थन में लिखे नारे की तख्तियां हाथों में लेकर रैली निकालते हुए सभी महिलाएं जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची और प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और uttrakhand वक्फ बोर्ड की पूर्व सदस्य रजिया बेग ने कहा कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं का इस्लामिक हक और लोकतांत्रिक अधिकार है। हर व्यक्ति को देश में यह आजादी होनी चाहिए कि वो क्या पहने, क्या नहीं।

सियासत के तहत इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर छात्राओं का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तंजीमे रहनुमाई मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष और uttrakhand क्रांति दल के वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि हिजाब इस्लाम की तहजीब का प्रतीक है। छात्राएं अपनी मर्जी से हिजाब पहनती आ रही हैं, लेकिन छात्राओं का उत्पीड़न कर इसे राजनीतिक दल सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं।

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महिलाओं ने कहा कि देश की अखंडता एवं सामाजिक समरसता बनाए रखने, राज्य के सिद्धांतों का समावेश को ध्यान में रखते हुए dress code बनाया जाना चाहिए। प्रदर्शन करने वालों में शबनम, शरदा परवीन, अंजुम, सीमा, हिना, तबस्सुम, नाजिया, सितारा, जुबिना, जमीला, रिहाना, रईस फातिमा आदि शामिल रहे।

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