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Highcourt द्वारा हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में दायर Jitendra Narayan त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के जमानत प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया गया है।  न्यायमूर्ति रविन्द मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने Highcourt में जमानत याचिका दायर की थी।

नदीम अली द्वारा 2 जनवरी 2022 को हरिद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि हरिद्वार में  17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया है। इसमें भड़काऊ भाषण दिए गए तथा आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया।

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इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा। पुलिस ने उनकी शिकायत पर IPS की धारा 153,  295 तहत नरसिंघानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण, स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था।

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