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आरबीआई (रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया )के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है की अगर भारत विकास में सुधारों में तेजी नहीं ला पाता है तो इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर कम होने की संभावना है।
रघुराम राजन ने सिंगापूर में सम्बोधित करते हुए कहा की भारत में विकास की रफ़्तार तभी बढ़ेगी जब सुधार होगा, सुधार को लेकर भारत में काफ़ी राजनीतिक मतभेद हैं जो की सही नहीं हैं।रघुराम राजन का कहना है की देश में इस समय ऐसी सरकार का शासन है जो आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की कोशिश में लगी हुई है लेकिन सहमति बनाने में विफल हो रही है।

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राजन का कहना हैं की देश में आर्थिक सुधार के लिए सबसे पहले बैंकिंग में क्षेत्र में ध्यान देने की अवश्यकता है।क्योंकि बैंकिंग का यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मुसीबत बन रहा है। इसलिए इस क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है साथ ही उधारी को भी बढ़ाने पर भी राजन ने कहा है।राजन ने कहा कि महीने भर चले भारी विरोध के बाद 19 नवंबर, 2021 को सरकार ने कृषि सुधार कानूनों को वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 8.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि वित्तवर्ष 2023 में यह विकास दर कम होकर 7.2 फीसदी रह सकती है।

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