नई दिल्ली भारतीय नौसेना के एयरक्रॉफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य पर बुधवार को आग लग गई। आग को देखकर वहाँ पर मौजूद दल ने बचाव अभियान शुरू किया। और कुछ ही समय बाद आग पर काबू पा लिया गया था।
वहीं, यह भी पता चला है कि इस घटना में किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और युद्धपोत भी पूरी तरह से ठीक हैं। मैटर की सीरियसनेस को देखते हुए नौसेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन कर दिया है, जो इस पूरे मामले की तहकीकात करेगी।
नौसेना के प्रवक्ता ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है की युद्धपोत कर्नाटक के कारवार से समुद्री ऑपरेशन के लिए गया था। ठीक इसी दौरान बुधवार को उसमें आग लगने की सूचना मिली थी। इसके तुरंत बाद ही जहाज पर मौजूद एक्शन टीम ने फायर कंट्रोल सिस्टम से , उस आग पर तुरंत काबू पा लिया। इसीलिए वहाँ पर किसी भी सैनिक को कोई चोट नहीं पहुंची है। उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि इसके लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का गठन कर दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही हादसे का कारण पता चलेगा।
हमेशा तैयार रहते हैं नौसैनिक।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले 8 मई 2021 में भी इसी तरह की एक घटना सामने आई थी उस समय भी आईएनएस के विक्रमादित्य पर आग लग गई थी लेकिन उस समय भी उस आग पर काबू पा लिया गया था। डिफेंस स्पेशलिस्ट के मुताबिक यह बताया गया है कि विक्रमादित्य बहुत बड़ा जहाज है, जिसको चलाने के लिए बेहतरीन नौसैनिकों को चुना जाता है, इसलिए इन नौसैनिकों को आग शार्ट सर्किट आदि घटनाओं से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग कराई जाती है।
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भारत का इकलौता शिप विक्रमादित्य।
आईएनएस विक्रमादित्य भारत का इकलौता एयरक्राफ्ट करियर शिप हैं। जिसको भारत ने रूस से 14,000 करोड़ में खरीदा था 20 स्टोरी वाला ये जहाज 284 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा इसका वजन करीबन 40,000 टन से भी ज्यादा है। एक वक्त में इस पर करीबन 1600 सैनिक तैनात रहते हैं। यानी ये अपने आप में तैरता हुआ शहर है।