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इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है जहां रेल मंत्री ने कहा कि अगले स्वतंत्रता दिवस तक भारत की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पेश की जाएगी। बता दें कि इन ट्रेनों का निर्माण और डिजाइन पूरी तरह से स्वदेशी होगा रेल मंत्री ने कहा कि ‘भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ट्रेनें बनाने में सक्षम है और अगला बड़ा काम 15 अगस्त 2023 को होगा जब हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें शुरू की जाएंगी।’

140 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी हाइड्रोजन ट्रेन की रफ्तार
आपको बता दें कि हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन एक बार में 1000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।ट्रेन की टेस्टिंग 2018 से की जा रही थी,लेकिन अब यह पूरी तरह से बन कर तैयार है। ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटा है।एलस्टोम के सीईओ हेनरी पापार्ट -लाफार्ज का कहना है की सिर्फ 1 किलो हाइड्रोजन लगभग 4.5 किलो डीजल के समान है। यह ट्रेनें प्रदूषण मुक्त हैं।

भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगी यह हाइड्रोजन ट्रेन
बता दें कि प्रदूषण से ग्रस्त भारत जैसे देश के लिए हाइड्रोजन से चलने वाली यह ट्रेने गेम चेंजर बन सकती हैं। हाइड्रोजन ट्रेनों में पावर जनरेट करने के लिए उसकी छत पर ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन स्टोर की जाती है। ट्रेनों के संचालन से सिर्फ भाप और पानी निकलता है। ट्रेन के परिचालन में जो भी हिट उत्पन्न होती है, उसका इस्तेमाल ट्रेन की हिटिंग और एयर कंडीशनिंग सिस्टम को बिजली देने में मदद करता है। हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले सभी रेल वाहन हाईड्रेल कहलाते हैं। हाइड्रोजन फ्यूल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदूषण बिल्कुल नहीं होता।

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हाल ही में ट्रायल के दौरान वन्दे भारत ने सबको किया अपनी स्पीड से हैरान
बता दें कि हाल ही में भारत में तीसरी वंदे भारत का ट्रायल पूरा हुआ है। वंदे भारत की स्पीड ने सबको हैरान कर दिया है ट्रायल के दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस ने शून्य गति से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पकड़ने में केवल 52 सेकेंड का समय लिया जबकि जापान की प्रसिद्ध बुलेट ट्रेन को इसके लिए 55 सेकंड का समय लगता है।

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