पोलैंड में इन दिनों एक भारतीय व्यक्ति को लगातार अपशब्द बोले जा रहे है, बात केवल इतनी ही नहीं है किस को अपशब्द कहे जा रहे हैं बल्कि बात यह है कि अपशब्द कहकर परेशान किया जा रहा है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है जिसमें एक पोलिश शख्स भारतीय व्यक्ति को ‘पैरासाइट आक्रमणकारी’ कहकर उसे बार-बार परेशान कर रहा है। वहीं भारतीय व्यक्ति परेशान होकर इधर-उधर घूमने लगता है और वीडियो न बनाने के लिए कहता है। वही शख्स वीडियो बनाने के साथ ही भारतीय व्यक्ति को बार-बार यूरोप छोड़कर भारत लौटने को कहता है|
He’s from America but is in Poland because he’s a white man which makes him think he has the right to police immigrants in “his homeland”
— 🥀Imposter🕸️ (@Imposter_Edits) September 1, 2022
Repulsive behavior, hopefully, he is recognized pic.twitter.com/MqAG5J5s6g
बिना कारण के उलझ रहा था शख्स
आपको बता दे की वायरल वीडियो 4 मिनट का है जिसमें साफ दिख रहा है कि शख्स बिना कारण के ही भारतीय युवक से उलझ रहा है और अभद्र भाषा में टिप्पणी कर रहा है। वीडियो को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है वीडियो में शख्स बार-बार बोल रहा है “आप पोलैंड में क्यों हो?अमेरिका में आप में से बहुत से लोग हैं, “अपने घर -अपने देश वापस जाओ। भारतीय युवक वीडियो न बनाने का अनुरोध करता है और लगातार शख्स से बचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन शख्स उसका पीछा कर रहा है और बार-बार अपशब्द कह रहा है।
वायरल वीडियो की कड़ी आलोचना की गई
सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा व्यक्ति की पहचान की गई है जिसमें व्यक्ति का नाम जॉन मीनादेव जूनियर बताया जा रहा है, जो कि एक नियो-नाज़ी है। वह गोइम टीवी नाम के एक घृणा समूह का प्रमुख है। जिसने इस साल की शुरुआत में कैलिफोर्निया के एक खाड़ी क्षेत्र में यात्रियों को छोड़ने के लिए सुर्खियां बटोरी। जिसने कोविड-19 महामारी के लिए यहूदियों को दोषी ठहराया था।
वही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कुछ लोग इस वीडियो की कड़ी आलोचना करते हुए भी नजर आ रहे हैं, एक युवक ने लिखा है कि,” जिस आदमी को परेशान किया जा रहा है वह एक संत है,जो इस आदमी की बकवास का कोई जवाब नहीं दे रहा है।” इस घटना का सुर्खियों में रहना इसी बात का ताजा उदाहरण है कि विदेशों में लोग किस तरह भारतीयों के खिलाफ अपने मन में नफरत रखते हैं। पिछले हफ्ते कैलीफोर्निया में एक भारतीय-अमेरिकी को अपशब्द कहे गए, जबकि टेक्सास में महिलाओं के एक समूह को वापस जाने के लिए कहा गया था।