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अल्मोड़ा, उत्तराखंड में हाल ही में एक गंभीर घटना सामने आई है जिसमें गोवंश की हत्या के साक्ष्य मिले हैं। मोहनरी के जंगल में, रिची सड़क के नीचे खाई में गोवंश के चार कटे हुए सिर और अन्य क्षत-विक्षत अंग बरामद हुए हैं।

इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गई है और इस घृणित कृत्य की जांच के लिए गहन प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।एसएसपी देवेंद्र पींचा के अनुसार, घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (SOG) गठित किया गया है और पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, गोवंश के अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए भिकियासैंण ले जाया गया है ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

इस घटना की खबर मिलते ही स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है। केदार बदरी गोरक्षा अंतरराष्ट्रीय परिषद सहित कई सामाजिक संगठनों ने इसे देवभूमि के लिए एक कलंक बताया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इन संगठनों ने न केवल त्वरित जांच बल्कि दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा दिलाने की भी मांग की है।घटना के विरोध में स्थानीय राजनीतिक नेता भी सामने आए हैं।

रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। डॉ. नैनवाल ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं और ऐसे दोषियों को किसी भी हाल में माफ नहीं किया जाना चाहिए।

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इस मामले में, समाज के हर वर्ग से लोगों ने गोवंश के संरक्षण और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधानों की मांग की है। यदि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्दी नहीं होती है, तो स्थानीय समुदाय ने बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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